Punjab

पंजाब पवित्र धार्मिक ग्रंथों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम विधेयक पर पंजाब विधानसभा की चयन समिति ने की बैठक, विशेषज्ञों से विचार – विमर्श

Punjab : धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के संवेदनशील मामले पर सरकार ने गंभीरता प्रदर्शित करते हुए इस प्रकार की घटनाओं की रोकथाम हेतु एक कठोर कानून का मसौदा किया. ‘पंजाब पवित्र धार्मिक ग्रंथों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम विधेयक 2025’ पंजाब विधानसभा में प्रस्तुत किया गया है.

इस विधेयक के संबंध में माननीय अध्यक्ष, पंजाब विधानसभा द्वारा सरदार इंदरबीर सिंह निज्जर की अध्यक्षता में एक चयन समिति का गठन किया गया है, जो इस मुद्दे पर विचार-विमर्श हेतु प्रत्येक सप्ताह बैठक कर रही है तथा आम जनता से सुझाव आमंत्रित कर रही है. जनता से सुझाव प्राप्त करने के उद्देश्य से दिनांक 31.07.2025 एवं 14.08.2025 को विभिन्न समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किए गए, जिनके फलस्वरूप समिति को नागरिकों से बड़ी संख्या में सुझाव प्राप्त हो रहे हैं.

दिनांक 12.08.2025 को आयोजित समिति की बैठक में पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला के विशेषज्ञ डॉ. जसप्रीत कौर संधू (विभाग: सिखिज़्म), डॉ. गुरमीत सिंह सिद्धू (विभाग: धर्म अध्ययन), डॉ. धर्मवीर सिंह (विभाग: सिखिज़्म), डॉ. गुरमेल सिंह (धर्म अध्ययन विभाग), डॉ. जसविंदर सिंह तथा डॉ. तेजिंदर कौर (विभाग: रिलीजन स्टडीज़) उपस्थित हुए. उन्होंने समिति के साथ विचार-विमर्श करते हुए अपने बहुमूल्य सुझाव प्रस्तुत किए.

आज, दिनांक 19.08.2025 को आयोजित समिति की बैठक में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के विभिन्न धर्मों से संबंधित धार्मिक अध्ययन के विशेषज्ञ प्रो. अमरजीत सिंह (प्रधान, सिख स्टडीज़ चेयर), डॉ. सईद रायहान हसन रिज़वी (उर्दू-फ़ारसी विभाग), प्रो. सुनील कुमार (प्रधान, हिंदी विभाग), प्रो. पवन कुमार (कानून विभाग), डॉ. पिंटू एमरसन (आर्किटेक्चर विभाग) तथा प्रो. सतनाम सिंह दियोल (प्रधान, राजनीति शास्त्र विभाग) उपस्थित हुए तथा समिति के साथ विचार-विमर्श करते हुए अपने विचार प्रस्तुत किए.

समिति की ओर से सभी विद्वानों के प्रति आभार व्यक्त किया गया. चयन समिति की बैठक में सभापति सहित सभी सदस्य उपस्थित रहे.

समिति ने अपनी आगामी बैठक दिनांक 26.08.2025 को निर्धारित की है, जिसमें पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा बार काउंसिल के अध्यक्ष को भी अपने सुझाव प्रस्तुत करने हेतु आमंत्रित किया गया है. इसी प्रकार, समिति ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों से भी अनुरोध किया है कि वे अपने विचार/सुझाव समिति को लिखित रूप में प्रेषित करें.

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