स्वास्थ्य

Monophobia : भीड़ में भी सताता है अकेलापन तो हो सकता है मोनोफोबिया, जानें इसके लक्षण

Monophobia : फोबिया यानी की डर, यह डर किसी भी चीज से हो सकता है। अक्सर फोबिया में व्यक्ति को डराने वाली चीज़ों असल में नहीं होती हैं। वह केवल व्यक्ति द्वार दिमाग में बनाया गया एक विचार होता है। उसी प्रकार मोनोफोबिया भी है। इस फोबिया में अकेले होने या अकेले होने के विचार से भी व्यक्ति डर जाता है। मोनोफोबिया को आइसोलोफोबिया के नाम से भी जाना जाता है। यह जानते हुए भी की आप शारीरिक रूप से सुरक्षित हैं, फिर भी अजनबियों या आपात स्थिति में सहायता न मिलने के विचार पैदा होते हैं। जिन विचारों की वजह से व्यक्ति डरने लगता है।

विशेषज्ञों का यह मानना है कि मोनोफोबिया एक प्रकार का मानसिक विकार है। यह मानसिक स्वास्थय स्थितियों के एक समूह का हिस्सा है और इसे एगोराफोविया क्लस्टर के रूप में जाना जाता है। मोनोफोबिया के अलग – अलग स्तर होते हैं, एक ही कमरे में किसी भरोसेमंद व्यक्ति की जरूरत होती है, दूसरों के घर में या हर समय किसी खास साथी की जरूरत होती है।

मोनोफोबिया के लक्षण

घर पर अकेले रहने का डर।
अकेलेपन की भावना से डर।
अकेले किसी जोखिम भरी या खतरनाक स्थिति का सामना करने का डर।
सार्वजनिक स्थान पर अकेले रहने का डर।
किसी एक व्यक्ति विशेष से अलग हो जाने का डर।

अकेलेपन का डर

किसी व्यक्ति के साथ मोनोफोबिया की स्थिति तब भी बन सकती है जब वह दूसरे या अंजान लोगों के साथ हो। मोनोफोबिया अकेलेपन की चिंता पर केंद्रित होता है। यदि उनके साथ उनका कोई जानने वाला या विश्ष व्यक्ति नहीं है तो वे भीड़ में भी अकेलेपन के वीचार से ग्रस्त हो सकते हैं। जिसकी वजह से उन पर डर हावी हो सकता है। या उन्हें इस बात की चिंता परेशान कर सकती है कि लोग उन्हें छोड़ कर चले जाएंगे और वह अकेले हो जाएंगे।

यह भी पढ़ें : Jyotish Shastra : जानें अपना आज का राशिफल, कुछ खास बातों का रखें ध्यान

Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र,  बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप

Related Articles

Back to top button