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राम भक्तों पर गोलियां, अब योगी ने खोली समाजवादियों की पोल! अखिलेश यादव को सुनाई खरी-खरी

Utter Pradesh Politics : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजीनि में बड़ी खलबली मची हुई है. अभी तक अखिलेश यादव सीएम योगी आदित्यनाथ (Cm Yogi Adityanath) पर प्रशासन को लेकर तंज कस रहे थे लेकिन अब सीएम योगी आदित्यनाथ अखिलेश यादव पर जमकर बरसे हैं. एक समारोह में योगी आदित्यनाथ ने अपने वक्तव्य में समाजवादी सरकार में राम भक्तों पर गोलियां चलाने वाली घटना का जिक्र किया. उन्होंने कहा राम का विरोधी होने पर भी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को खरी खरी सुनाई. और राम मनोहर लोहिया को लेकर भी बड़ी बात कह दी.


राम के विरोधियों की होगी दुर्गति

बता दें कि 10 जुलाई को गुरू पूर्णिमा के दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर (Gorakhpur) के गोरखनाथ मंदिर पहुंचे थे. जहाँ सात दिवसीय राम कथा का समापन हो रहा था. यहां अपने वक्तव्य में योगी आदित्यनाथ ने 1990 की उस घटना का जिक्र किया जब समाजवादी पार्टी ( Samajwadi Party) ने राम भक्तों पर गोलियां चलावाई थी.
उन्होंने कहा, “आज के समाजवादी राम भक्तों पर गोलियां चलाते हैं. राम और कृष्ण के बगैर, शिव के बगैर पत्ता भी नहीं हिलता.” उन्होंने आगे समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर तंज करते हुए कहा कि समाजवादी राम भक्तों पर गोलियां चलाते है लेकिन लोहिया का नाम जपते हैं. जिस व्यक्ति के आचार-विचार में समनवय नहीं होता उसकी दुर्गति होती है.


राम, कृष्ण और शंकर पर लोहिया की बात योगी ने की याद

राम मनोहर लोहिया पर बात करते हुए योगी आदित्यनाथ बोले, “डॉ. लेहिया (Ram Manohar Lohia) कट्टर समाजवादी थे. कांग्रेस के प्रखर विरोधी थे. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे. आजादी के बाद आशंका जताई जा रही थी कि भारत बहुत दिनों तक एक नहीं रह पाएगा. उनसे जब किसी ने पूछा कि लोहिया जी एक बात बताइए..भारत कब तक एक रह पाएगा ? तो लोहिया ने सीधा जवाब देते हुए कहा कि भारत पर प्रशन नहीं उठने चाहिए. अभी लोग भारत को जानते नहीं है. जब तक भारत के अंदर राम, कृष्ण और शंकर को पूजा जाता रहेगा तब तक भारत का कोई बाल भी बाका नहीं कर पाएगा.”


लोहिया समाजवादी थे मगर राम को मानते थे

अखिलेश यादव के लगातार तीखे बयानों के बीच योगी आदित्यनाथ ने समाजवाद (Socialist) की जड़ यानी डॉ. लोहिया को लेकर ऐसी बात कह दी जिसे लेकर अखिलेश यादव को भी जवाब देना पड़ सकता है. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संत तुलसी दास ने उत्तर भारत में राम लीलाओं का प्रचलन करवाया था. और रामायण मेलों का चलन शूरू किया था डॉ. लोहिया एक समाजवादी थे लेकिन आज के समाजवादी इसे नहीं मानते. हमने राम (Ram), कृषण (Krishna) और शंकर (Shankar) को अपनी जीवन की पद्ध्ति माना है. लेकिन कुछ समाजवादी राम पर सवाल करते है उनके भक्तों पर गोलियां चलातें हैं.अब देखना दिलचस्प होगा कि सीएम योगी के इस बयान पर अखिलेश यादव कि क्या प्रतिक्रिया होगी. वहीं चुनावों को लेकर मचे इस घमासान में ये बयान कितने कारगर साबित होते हैं.

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