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उत्तराखंड में मातृ मृत्यु दर में गिरावट, सीएम धामी ने बताया सामूहिक सफलता

हाइलाइट्स :-

  • उत्तराखंड में मातृ मृत्यु दर घटकर 91 हुई, दो साल में 13 अंकों की गिरावट
  • सीएम धामी ने इसे स्वास्थ्य कर्मियों और सरकारी नीतियों की सफलता बताया
  • गर्भवती महिलाओं की जांच, त्वरित चिकित्सा और संस्थागत प्रसव पर दिया गया जोर

Uttarakhand Maternal mortality ratio : उत्तराखंड ने मातृ स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक अहम उपलब्धि हासिल की है. हाल ही में जारी एक विशेष बुलेटिन के अनुसार राज्य का मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) वर्ष 2020-21 में 104 था, जो 2022-23 में घटकर 91 रह गया है. यानी दो वर्षों में इसमें 13 अंकों की कमी आई है और कुल मिलाकर 12.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.

नीतियों और स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत का नतीजा – CM धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे राज्य सरकार की समर्पित नीतियों और स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत का नतीजा बताया. उन्होंने कहा कि मातृ स्वास्थ्य को लेकर सरकार लगातार गंभीर है और इस दिशा में प्रयास जारी रहेंगे.

प्रदेश में पहले मातृ मृत्यु दर एक बड़ी चिंता थी. इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने कई ठोस कदम उठाए. स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा कि यह प्रगति सरकारी विभागों, स्वास्थ्य संस्थानों और समुदाय की सामूहिक भागीदारी का परिणाम है.

विशेष प्रतिक्रिया प्रणाली से आया बदलाव

डॉ कुमार ने बताया कि मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए विभाग ने विशेष निगरानी और प्रतिक्रिया प्रणाली लागू की. इसके तहत हर मामले की समय पर सूचना एकत्र कर गहराई से विश्लेषण किया गया और उसी आधार पर त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई की गई.

गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारों में जोखिम संकेतों की पहचान जल्दी की गई और आपात स्थिति में तत्काल चिकित्सा सहायता पहुंचाई गई. प्रसव और मातृत्व सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए लक्ष्य-प्रमाणित प्रसव कक्ष और शल्य कक्षों का विस्तार किया गया, जिससे सुरक्षित और सम्मानजनक स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जा सकें.

संस्थान आधारित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए आपातकालीन परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं. राज्य भर में 57 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं की हीमोग्लोबिन जांच कर स्थिति के अनुसार इलाज किया गया. इसके साथ ही व्यापक स्तर पर सामुदायिक स्क्रीनिंग अभियान चलाया गया ताकि जरूरतमंद महिलाओं तक समय पर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंच सकें.


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