
Uttarakhand: उत्तराखंड सरकार प्रदेश में पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए महत्तवपूर्ण कदम उठा रही है। इसा कड़ी में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने गंगा को छोड़कर अन्य नदियों में राफ्टिंग शुल्क माफ कर दिया है।
राफ्टिंग के मिल रहा बढ़ावा Uttarakhand
उत्तराखंड में हर साल राफ्टिग जैसी गतिविधियां करने के लिए हजारों पर्यटक आते हैं। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद रिवर राफ्टिंग और कयाकिंग जैसी एक्टिविटी को बढ़ावा दे रही है। इसी कड़ी में परिषद ने एक बड़ा कदम उठाया है। जिसके तहत गंगा छोड़कर कई नदियों में राफ्टिंग शुल्क माफ कर दिया गया है। शासन के निर्देश के बाद उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने इस आदेश को जारी किया है।
संचालकों का तीन साल का शुल्क माफ Uttarakhand
उत्तराखंड की नदियों में राफ्टिंग व कयाकिंग जैसी गतिविधियां संचालित की जाती हैं। जिसके चलते बड़ी मात्रा में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होते हैं। इन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने राफ्टिंग व कयाकिंग के संचालकों का तीन साल का शुल्क माफ करने का निर्णय लिया। गंगा में पांच राफ्ट तक प्रति राफ्ट 13764 रुपये राफ्टिंग शुल्क लिया जाता है। वहीं 5 से अधिक राफ्ट तक शुल्क 26,528 रुपये हैं। इसी तरह काली, यमुना, टौंस व अलकनंदा में यह शुल्क 6108 रुपये निर्धारित है।
कांग्रेस ने फैसले का किया स्वागत
कांग्रेस ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा मेहर दसौनी ने कहा की इससे सभी को बहुत फायदा होने वाला है। कोरोना काल के दौरान बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। इन सभी के इक्यूपमेंट खराब हो चुके थे। ऐसे में इस सेक्टर को फायदा पहुंचाना स्वागत योग्य कदम है। सरकारें इसलिए ही होती है की जो लोगो के हित में हो उसके अनुसार फैसला लिया जाए।
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