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पीएम मोदी-पुतिन बैठक से अमेरिका नाराज, भारत पर टैरिफ और युद्ध बढ़ावा का लगाया आरोप

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  • पीएम मोदी ने पुतिन से मुलाकात की
  • अमेरिका को भारत-रूस बैठक से परेशानी
  • नवारो ने भारत को अमेरिका के साथ रहने कहा
  • भारत पर अमेरिकी टैरिफ लगाए गए
  • यूक्रेन युद्ध में रूस से तेल खरीद विवाद

India-Russia Friendship : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से एक महत्वपूर्ण बैठक की. इस दौरान दोनों नेताओं ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की. जिससे अमेरिका को परेशानी का सामना करना पड़ा है.

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (1 सितंबर) को चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. इस मौके पर दोनों नेताओं के बीच एक विशेष बैठक भी हुई. इस बैठक को लेकर अमेरिका असहज महसूस कर रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि भारत को अमेरिका के साथ रहना चाहिए, न कि रूस के साथ.

एससीओ में मोदी-पुतिन-शी की मुलाकात पर आपत्ति

‘फ्री प्रेस जर्नल’ की रिपोर्ट के अनुसार, पीटर नवारो ने कहा, ”भारत को हमारे साथ रहना चाहिए, न कि रूस के साथ. प्रधानमंत्री मोदी का चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ काम कर रहे हैं, यह ठीक नहीं है.” एससीओ समिट के दौरान पीएम मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ दिखे. जहां उनके बीच अच्छी बातचीत हुई. इस बात से अमेरिका नाराज है.

नवारो का भारत पर टैरिफ लगाने का कारण बताया

पीटर नवारो ने भारत पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, ”भारत के साथ दो तरह की दिक्कतें हैं और इसी वजह से टैरिफ लगा है. पहला भारत अनफेयर ट्रेड कर रहा है. जिसके कारण 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है, दूसरा, भारत रूस से तेल खरीद रहा है. जिसकी वजह से भी 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है.

नवारो का कहना है कि भारत यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा दे रहा है. क्योंकि वह रूस से तेल खरीद रहा है और रूस अपनी इस आय का इस्तेमाल युद्ध के लिए कर रहा है. याद रहे कि रूस और यूक्रेन के बीच महीनों से युद्ध जारी है. लेकिन अभी तक इसका कोई समाधान नहीं निकल पाया है. इसके लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी प्रयास किए थे और पुतिन व जेलेंस्की के साथ बैठकें की थीं.

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