
फटाफट पढ़ें
- उद्धव ने ‘धनुष-तीर’ पर जल्दी सुनवाई मांगी
- बोले, न्याय न मिला तो लोकतंत्र खतरे में
- मराठी अस्मिता को कमजोर किया जा रहा है
- बीजेपी पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया
- कहा, यह पार्टी नहीं, लोकतंत्र का मुद्दा है
Maharashtra News : उद्धव ठाकरे ने मुंबई और महाराष्ट्र के महत्व को कम करने की कोशिशों का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट से ‘धनुष-तीर’ मामले की जल्द सुनवाई की अपील की. उन्होंने कहा कि अगर न्याय नहीं मिला तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा.
महाराष्ट्र में एक बार फिर शिवसेना यूबीटी ने मुंबई और महाराष्ट्र के महत्व को कम करने का आरोप लगाया है. शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार (13 अगस्त) को कहा कि राज्य में ऐसे प्रयास जारी हैं, जो मराठी अस्मिता और मुंबई की पहचान को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं.
‘धनुष-तीर’ मामले की जल्दी सुनवाई चाहिए
उन्होंने उच्चतम न्यायालय से अपील की कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सत्तारूढ़ शिवसेना को ‘धनुष और तीर’ चुनाव चिह्न देने के फैसले के खिलाफ उनकी पार्टी की याचिका पर तुरंत सुनवाई हो, अगर न्याय नहीं मिला तो लोकतंत्र मर जायेगा. उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में सत्ता में मौजूद बीजेपी पर अप्रत्यक्ष रूप से कटाक्ष किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में हिंदी भाषा थोपने और बाहरी सोच को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात 1966 के आसपास की स्थिति जैसे हैं, जब शिवसेना की स्थापना से पहले ऐसी ही परिस्थितियां थीं.
उद्धव ने मार्मिक के 65वें दिन मराठी मानुष को याद किया
शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे और उनके भाई श्रीकांत ठाकरे द्वारा शुरू की गई पत्रिका ‘मार्मिक’ के 65वें स्थापना दिवस पर उद्धव ने मराठी मानुष की भूमिका को याद किया. उन्होंने कहा, ‘‘मराठी मानुष ने संघर्ष कर मुंबई पाया, लेकिन आज फिर उसी संघर्ष की जरूरत है.’’ ठाकरे ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी और ‘मार्मिक’ का मिशन तब तक जारी रहेगा, जब तक ऐसे प्रयास करने वालों को राजनीतिक रूप से समाप्त नहीं कर दिया जाता
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया भूषण आर. गवई की सराहना की
उद्धव ठाकरे ने कहा कि कबूतरों को दाना डालने और आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश, इन मुद्दों पर विवाद खड़ा कर असली समस्याओं से ध्यान हटाया जा रहा है. उन्होंने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया भूषण आर. गवई की सराहना की, जिन्होंने आवारा कुत्तों पर तत्काल सुनवाई की मांग को स्वीकार करने का आश्वासन दिया. ठाकरे ने कहा कि जनता के आक्रोश को देखते हुए यह सही कदम है.
मामला सिर्फ पार्टी का नहीं, देश के लोकतंत्र का है
उद्धव ठाकरे ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती देने वाली अपनी पार्टी की याचिका का हवाला देते हुए कहा कि तीन-चार साल बीत जाने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई. उन्होंने चेतावनी दी, कि अगर न्याय नहीं मिला तो लोकतंत्र कब खत्म हो जाएगा. कोई नहीं जान पाएगा, उन्होंने हाथ जोड़कर अदालत से जल्द सुनवाई की अपील की और कहा कि यह सिर्फ एक पार्टी का नहीं बल्कि पूरे देश के लोकतंत्र का सवाल है.
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