घर से निकलने से पहले ये खबर जरूर पढ़ लें, दिल्ली में टैक्सी-ऑटो दो दिन की हड़ताल पर

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दिल्ली सरकार द्वारा आश्वासन दिए जाने और समयबद्ध तरीके से किराया संशोधन पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा किए जाने के बावजूद संगठनों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। दिल्ली शहर में सार्वजनिक परिवहन में 90,000 से अधिक ऑटो और 80,000 से अधिक रजिस्टर्ड टैक्सी हैं।

हड़ताल
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देश की राजधानी दिल्ली के लोगों के साथ-साथ एनसीआर के शहरों में रहने वालों लोगों की भी परेशानी सोमवार सुबह से ही बढ़ गई है, क्योंकि आज आटो रिक्शा और टैक्सी चालक हड़ताल पर हैं। देशभर में बढ़ते पेट्रोल-डीजल और CNG के दाम के बाद अब ऑटो-टैक्‍सी यूनियन ने किराया बढ़ाने की मांग की है।

इस कारण ऑटो-टैक्‍सी यूनियन 18 अप्रैल से दो द‍िन की यानि सोमवार और मंगलवार हड़ताल पर हैं। यूनियन की तरफ से कुल 16 मांगे रखी गई हैं। वैसो तो दिल्ली ही नही पूरे देश में पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे है। ऐसे में ओला और उबर के कैब ड्राइवर एसोसिएशन ने टैक्सी किराया बढ़ाने की मांग को लेकर सोमवार से हड़ताल का ऐलान किया है।

क्यों हो रही है हड़ताल

दिल्ली में आटो रिक्शा और टैक्सी चालकों का कहना है कि सीएनजी के दाम आसमान छू रहें है। पिछले एक महीने से भी कम समय में 10 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्यादा का इजाफा सीएनजी की कीमतों में हो चुका है। ऐसे में लोगों का यात्रा करना महंगा पड़ रहा है। दिल्ली के आटो और टैक्सी चालकों ने सरकार से मांग की है कि सीएनजी पर उन्हें सब्सिडी दी जाए।

CNG की लगातार बढ़ती कीमतों के कारण द‍िल्‍ली में दो द‍िन के ल‍िए चक्‍का जाम रहेगा। दिल्ली में अभी सीएनजी (CNG) की कीमत 71.61 प्रति किलो है। इसलिए हड़ताल का असर पूरी दिल्ली में रहेगा। इसकी वजह से दिल्ली की सड़कों पर टैक्सी या ऑटो दिखाई नहीं देंगे।

दिल्ली सरकार ने कमेटी बनाने की बात कही

अधिकतर संगठनों का कहना है कि वो दो दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे । दिल्ली सरकार द्वारा आश्वासन दिए जाने और समयबद्ध तरीके से किराया संशोधन पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा किए जाने के बावजूद संगठनों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। दिल्ली शहर में सार्वजनिक परिवहन में 90,000 से अधिक ऑटो और 80,000 से अधिक रजिस्टर्ड टैक्सी हैं।