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Uttrakhand News: परशुराम मंदिर के विष्णु और अयोध्या के बालक राम में है काफी समानता

Uttrakhand News: There is huge similarities in statue of Lord Vishnu in Uttrakhand and Lord Ram of Ayodhya
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Uttrakhand News:

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उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में स्थापित पौराणिक परशुराम मंदिर इन दिनों काफी चर्चा में है। स्थानीय लोग इस मंदिर में स्थापित भगवान विष्णु की मूर्ति और अयोध्या में स्थापित भगवान राम की बाल स्वरूप मूर्ति में कई समानताएं बता रहे है। इस परशुराम मंदिर की विष्णु शिला को अयोध्या में हाल ही में प्राण प्रतिष्ठा द्वारा स्थापित मैसूर के शिल्पी मूर्तिकार द्वारा बनाई मूर्ति की कला से जोड़ा जा रहा है।

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Uttrakhand News: क्या समानताएं है दोनो मूर्तियों में

उत्तरकाशी के परशुराम मंदिर में स्थापित विष्णु भगवान की मूर्ति में भी विष्णु के दस अवतारों की मूर्तियां शिला पर उकेरी गई हैं, साथ ही दोनों मूर्तियां काले पत्थर से बनाई गयी हैं। मूर्ति के मुंह का सचिव चित्रण अयोध्या में बनी श्रीराम जी की मूर्ति से मिलता जुलता है। दोनों मूर्तियों की विहंगमता और हावभाव भी एक जैसे ही हैं। दोनों ही मूर्तियों में कमलासन बना हुआ है और दोनों ही मूर्तियों में भगवान खड़ी मुद्रा में हैं।

क्यों पड़ा इस स्थान का नाम सौम्यकाशी


पंडित शैलेंद्र नौटियाल बताते हैं कि भगवान परशुराम विष्णु जी के अवतार माने गए हैं। स्कन्द पुराण के केदारखंड में वर्णित है कि परशुराम का क्षत्रियों के साथ युद्ध हुआ था। इस दौरान वे बहुत क्रोधित हो गए थे। काफी प्रयास के बाद भी उनका क्रोध शांत नहीं हुआ था। इस पर भगवान शिव ने उन्हें हिमालय के उत्तरकाशी में तपस्या करने को कहा था। 

इसके बाद परशुराम ने वरुणावत पर्वत के विमलेश्वर मंदिर में तपस्या की थी। जिसके बाद उनका क्रोध शांत हुआ और सौम्य हो गए थे। इस पर भगवान काशी विश्वनाथ ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि इस स्थान को सौम्यकाशी के नाम से जाना जाएगा।

8वीं सदी में बनी मूर्ति में इतनी समानता

इसे संयोग ही कहेंगे कि उत्तरकाशी जनपद के परशुराम मंदिर में स्थापित विष्णु जी की मूर्ति और अयोध्या के राम मंदिर में हाल ही में स्थापित बालक राम की मूर्ति में कई समानताएं हैं।  

पुरातत्व विभाग के दस्तावेजों के मुताबिक परशुराम मंदिर में विष्णु जी की यह मूर्ति आठवीं से नवीं सदी के बीच में स्थापित की गई थी। जबकि अयोध्या राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को हुई थी। इसके बाद भी इन दोनों मूर्तियों में बहुत समानताएं हैं।

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