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पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने गंभीर देखभाल यूनिटों में ऑक्सीजन और बिजली बैकअप सुनिश्चित करने के निर्देश दिए

फटाफट पढ़ें

  • ऑक्सीजन और बिजली बैकअप के निर्देश दिए गए
  • दवाओं का स्टॉक रखने और बाहर से दवा न लिखने का आदेश
  • ओपीडी निरीक्षण और फीडबैक लेने की हिदायत दी गई
  • 1000 नए डॉक्टर भर्ती किए जाएंगे
  • “फरिश्ते” स्कीम और एआरवी दवाओं की जागरूकता बढ़ेगी

Punjab Health Minister : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सोच के अनुसार पंजाब के स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में निर्णायक कदम उठाते हुये स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने आज राज्य की सभी सरकारी स्वास्थ्य सहूलतों में आई.सी.यू., आपरेशन थियेटर (ओ. टी.) और इमरजेंसी वार्डों समेत सभी महत्वपूर्ण देखभाल यूनिटों में निर्विघ्न आक्सीजन स्पलाई और बिजली बैकअप को यकीनी बनाने के लिए सख्त निर्देश जारी किये हैं.

सभी जिलों के सिविल सर्जनों के साथ उच्च- स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये डॉ. बलबीर सिंह ने जीवन रक्षक डाक्टरी सेवाओं में किसी भी रुकावट को रोकने के लिए दिन-रात आक्सीजन की उपलब्धता, कार्यशील यूपीएस प्रणालियों और मुकम्मल तौर पर कार्यशील जनरेटर सैट्टों की जरूरत पर जोर दिया.

दवाओं का स्टॉक रखने और बाहर से दवा न लिखने का आदेश

स्वास्थ्य मंत्री ने दवाओं की स्पलाई सम्बन्धी सख्त हिदायतें जारी करते हुये सिवल सर्जनों को सभी 368 किस्मों की जरूरी दवाओं का कम से कम एक महीने का बफर स्टाक रखने के निर्देश दिए और जरूरी दवाओं की किसी भी कमी के विरुद्ध चेतावनी दी, उन्होंने ऐलान किया, किसी भी मरीज के लिए अस्पताल से बाहर से कोई दवा नहीं लिखी जानी चाहिए, उन्होंने दोहराया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार मुफ्त और पहुंचयोग स्वास्थ्य देखभाल यकीनी बनाने के लिए वचनबद्ध है.

ओपीडी निरीक्षण और फीडबैक लेने की हिदायत दी गई

उन्होंने कहा कि सीनियर मैडीकल अफसरों (एसएमओज) को अपनी जरूरत के अनुसार कोई भी गैर-जरूरी दवा खरीदने का अधिकार दिया गया है, उन्होंने कहा कि पालना न करने वाले मैडीकल अफसर के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी, उन्होंने कहा कि दवा वितरण प्रणाली और समूचे मरीजों के तजुर्बा में विस्तार करने के लिए, सिवल सर्जनों और एसएमओज को रोजमर्रा की ओपीडी का दौरा करने और मरीजों की फीडबैक लेने के निर्देश भी दिए गए.

मरीजों की संतुष्टि में और विस्तार करने के लिए डॉ. बलबीर सिंह ने सिविल सर्जनों को यह यकीनी बनाने के निर्देश दिए कि रजिस्ट्रेशन के एक घंटे के अंदर- अंदर आऊटपेशैंट विभाग (ओपीडी) सेवाएं प्रदान की जाएँ.

हर डॉक्टर और नर्स को मिलेगा क्रिटिकल केयर ट्रेनिंग

गंभीर देखभाल क्षमता में विस्तार करने की दिशा में एक और कदम उठाते हुये डॉ. बलबीर सिंह ने ऐलान किया कि हर डॉक्टर और पैरामैडिक, जिसमें स्टाफ नर्सें भी शामिल हैं, को गंभीर देखभाल और एडवांस्ड लाईफ स्पोर्ट में प्रशिक्षण दिया जायेगा, उन्होंने प्रत्येक सिवल सर्जन को मिलेनियम डिवैल्पमैंट लक्ष्यों के मुकाबले अपने जिले की स्वास्थ्य स्थिति पेश करने के लिए भी कहा, जिससे विभाग बेहतर प्रगति के लिए लक्ष्य निर्धारित कर सके.

फरिश्ते और एआरवी पर जागरूकता के निर्देश

स्वास्थ्य मंत्री ने सिवल सर्जनों को विभाग के मास एजुकेशन और मीडिया विंग का लाभ उठाने के लिए कहा जिससे “फरिश्ते” स्कीम और राज्य भर के आम आदमी क्लीनिकों में एंटी-रैटरोवायरल (एआरवी) दवाओं की उपलब्धता के बारे व्यापक जागरूकता पैदा की जा सके.

स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी ऐलान किया कि आने वाले महीनों में विभाग में लगभग एक हजार नये डॉक्टर शामिल हो जाएंगे क्योंकि इन डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया मुकम्मल होने वाली है जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में काफी सुधार होगा.

बैठक में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद

इस मौके पर चेयरमैन पीऐचऐससी रमन बहल, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य कुमार राहुल, मैंबर पंजाब विकास कमीशन अनुराग कुंडू, विशेष सचिव स्वास्थ्य- कम- ऐमडी ऐनऐचऐम घणश्याम थोरी, ऐमडी पीऐचऐससी अमित तलवार, डायरैक्टर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण डॉ हितिन्दर कौर, डायरैक्टर परिवार कल्याण डॉ जसमिन्दर, डायरैक्टर ईऐसआई डॉ जसप्रीत कौर, डायरैक्टर पीऐचऐससी डॉ अनिल गोयल, डायरैक्टर (प्रोक्युरमेंट) पीऐचऐससी डॉ पवनप्रीत कौर, डिप्टी डायरैक्टर भी मौजूद थे.

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