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दिल्ली में 10 साल पुरानी गाड़ियों पर बैन? आतिशी ने दी चेतावनी, मिडिल क्लास पर मंडरा रहा बड़ा संकट!

Old Vehicles Ban : आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने पुरानी गाड़ियों को बचाने के लिए कानून लाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को चिट्ठी लिखी है. आतिशी ने कहा कि दिल्ली की सड़कों से दस साल पुरानी कारों को हटाना मिडिल क्लास पर सीधा हमला है. मिडिल क्लास सपने देखता है, कड़ी मेहनत करता है और बचत करके कार खरीदता है. 1 नवंबर की तलवार अभी भी इन कार मालिकों के सिर पर लटकी हुई है. दिल्ली सरकार को तुरंत विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर मिडिल‑क्लास कार मालिकों की सुरक्षा के लिए एक कानून पारित करना चाहिए. आम आदमी पार्टी इस कानून का पूरा समर्थन करेगी.

पुरानी गाड़ियों पर बैन से मिडिल क्लास परेशान: आतिशी

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने शुक्रवार को सीएम रेखा गुप्ता को लिखी चिट्ठी में कहा, “मैं यह पत्र दिल्ली के लाखों निवासियों की आवाज़ बनकर आपको लिख रही हूं, जो आपकी सरकार की हालिया योजना से बेहद परेशान हैं. इस योजना के तहत दस साल पुराने डीजल और पंद्रह साल पुराने पेट्रोल वाहनों को राष्ट्रीय राजधानी में स्क्रैप किया जाना है. यह प्रस्ताव 1 जुलाई से लागू होना था, लेकिन जनता के विरोध के चलते तुरंत वापस ले लिया गया. अब 1 नवंबर की एक नई डेडलाइन फिर से लोगों के सिर पर तलवार की तरह लटक रही है. यदि यह फैसला लागू हुआ तो इसका असर कम से कम 60 लाख वाहनों (20 लाख चार‑पहिया और 40 लाख दो‑पहिया) पर पड़ेगा.”

मिडिल क्लास पर भारी पड़ेगा पुरानी कार हटाने का फैसला

आतिशी ने सीएम से कहा कि हो सकता है आप शासन में नई हों, मगर मैं आपको दिल्ली के लोगों की भावना समझाना चाहती हूं. एक मध्य‑वर्गीय परिवार के लिए वाहन खरीदना आज भी जीवन की बड़ी उपलब्धि होती है. वे वर्षों तक सपने देखते हैं, योजना बनाते हैं और पैसे बचाते हैं ताकि एक कार खरीद सकें. कई लोग सेकंड‑हैंड कार लेते हैं. अनेक वरिष्ठ नागरिक अपनी कारों का ध्यान रखते हैं, वे उन्हें केवल डॉक्टर के पास या नज़दीकी बाज़ार जैसी छोटी दूरी के लिए ही इस्तेमाल करते हैं. अनेक महिलाएँ कार को सुरक्षित साधन मानती हैं, दिल्ली की सड़कों पर असुरक्षा के कारण वे ऑफिस जानें या बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए कार का उपयोग करती हैं. एक झटके में 60 लाख वाहनों को हटाना इन सभी लोगों की रोज़मर्रा की जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित करेगा। नई कार ख़रीदना अधिकांश लोगों के लिए संभव नहीं है.

सिर्फ उम्र नहीं, गाड़ियों की हालत भी होनी चाहिए मानदंड

आतिशी ने आगे कहा कि किसी वाहन की उम्र उसका स्क्रैप मानदंड नहीं हो सकती. कोई गाड़ी सिर्फ़ पाँच साल पुरानी होकर भी पाँच लाख किमी चल चुकी हो सकती है, जबकि कोई पंद्रह साल पुरानी गाड़ी केवल पचास हज़ार किमी चली हो. कुछ गाड़ियां तीन‑चार साल पुरानी होते हुए भी ख़राब रख‑रखाव के कारण प्रदूषण फैला रही होंगी, जबकि कुछ दस‑बारह साल पुरानी गाड़ियाँ अच्छी तरह मेंटेन होने पर प्रदूषण नहीं करतीं. इसलिए केवल उम्र के आधार पर किसी वाहन को प्रदूषणकारी मानना पूरी तरह अवैज्ञानिक और अव्यावहारिक है. ऐसे निर्णय का लाभ सिर्फ़ वाहन निर्माता, डीलर और स्क्रैप कारोबारी उठाएँगे; आम आदमी को भारी नुकसान होगा. प्रदूषण से लड़ना ज़रूरी है, मगर पूर्ण प्रतिबंध‑आधारित नीति समाधान नहीं है. दिल्ली सरकार कहती है कि वह सुप्रीम कोर्ट जाएगी, पर नया कानून न होने पर अदालत अपना पुराना आदेश दोहराएगी.

1 नवंबर की डेडलाइन से पहले लाया जाए नया कानून: आतिशी

आतिशी ने कहा कि इस समस्या का एकमात्र समाधान कानून है. चूंकि 1 नवंबर की डेडलाइन निकट है, भाजपा सरकार को दिल्ली में दस साल पुराने वाहनों को राहत देने के लिए नया कानून लाना चाहिए. अब जबकि केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार है, तो इच्छा होने पर बिल चंद दिनों में पारित हो सकता है. इसके लिए दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र तुरंत बुलाया जा सकता है, जहां इस बिल पर विस्तार से चर्चा हो. “मैं, आम आदमी पार्टी की ओर से, यह आश्वासन देती हूं कि हम इस कानून को पास कराने और दिल्ली के लाखों लोगों को राहत दिलाने के लिए आपकी सरकार की हर संभव मदद करेंगे.”

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