
मुकुल रोहतगी को भारत के 14वें अटॉर्नी जनरल के रूप में नियुक्त किया गया है। इसी के साथ वे एक अक्तूबर से अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करेंगे। वहीं रोहतगी केके वेणुगोपाल की जगह लेंगे जिनका कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है। बता दें इससे पहले जून 2014 में भी अटॉर्नी जनरल के रूप में रोहतगी नियुक्त किए गए थे। जिसके बाद उन्होंने जून 2017 तक अपनी सेवा दी थी। हालांकि वेणुगोपाल ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट को संकेत दिया था कि वह 30 सितंबर के बाद पद पर नहीं होंगे। बता दें कि मौजूदा अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की सेवा 30 जून को ही समाप्त हो रही थी, लेकिन उनकी सेवा तीन महीने के लिए विस्तार किया गया था।
दूसरी बार हुए नियुक्त
बता दें कुछ महीनों पहले कानून मंत्रालय ने सरकार को सूचित किया था कि केके वेणुगोपाल का कार्यकाल 30 जून को समाप्त होने जा रहा है। जिसके बाद इस पद पर नियुक्ति की आवश्यकता है। वहीं वेणुगोपाल ने पहली बार 1 जुलाई 2017 को मुकुल रोहतगी के स्थान पर केंद्र सरकार के शीर्ष कानूनी अधिकारी, अटॉर्नी जनरल के रूप में पदभार संभाला था। सेवा समाप्त होने के बाद उन्हें 3 महीने का एक्सटेंशन दिया गया था। बताया जा रहा है कि वेणुगोपाल ने अब और सेवा विस्तार लेने से इनकार कर दिया, ऐसे में सरकार को नए अटॉर्नी जनरल की नियुक्ति करने का फैसला करना पड़ा।