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Jharkhand: जलियांवाला बाग एक्सप्रेस के रद्द किए जाने से नाराज हुए सिख, आंदोलन की दी चेतावनी

Jharkhand: रेल प्रबंधक द्वारा टाटानगर से अमृतसर जाने वाली जलियांवाला बाग एक्सप्रेस को 4 दिसंबर से लेकर 1 मार्च तक कोहरे के चलते रद्द किया गया है। जिसके खिलाफ सिख समाज के लोगों ने विरोध करते हुए टाटानगर रेलवे स्टेशन पहुंचकर स्टेशन डायरेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है। जिसपर इस निर्णय को वापस लेने की मांग की गई है अन्यथा उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है।

प्रधानमंत्री मोदी पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप

इस दौरान सिख समाज के लोगों ने टाटानगर रेलवे स्टेशन में प्रदर्शन कर रेल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। इतना ही नहीं देश के प्रधानमंत्री पर सिक्खों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। साथ ही इस संबंध में रेल प्रबंधन के इस निर्णय को जल्द से जल्द वापस लेने की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा।

गरीब आदमी ट्रेन छोड़कर कैसे जाएगा?

जानकारी देते हुए केंद्रीय गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान भगवान सिंह (Bhagwan Singh) ने कहा कि हर वर्ष ठंड के मौसम में कोहरे का बहाना बनाकर रेल प्रबंधन द्वारा ट्रेन को रद्द करने का कार्य किया जाता है। उन्होंने कहा कि अमृतसर सिक्खों के दिल की धड़कन है। गरीब आदमी ट्रेन छोड़कर दूसरे अन्य वैकल्पिक व्यवस्था को नहीं अपना सकते। जिनके पास पैसा है वो फ्लाइट से जा सकते हैं। ऐसे में आर्थिक रूप से गरीब सिख परिवार कैसे अमृतसर जाएगा।

आंदोलन के लिए तैयार है सिख समाज

उन्होंने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि देश के प्रधानमंत्री सिक्खों के साथ सौतेला व्यवहार करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का आगमन झारखंड में हुआ। पूरे झारखंड में तीन लाख की आबादी है सिक्खों की। बावजूद इसके, सिक्खों के लिए कोई योजना केंद्र सरकार ने नहीं लाई। यह साफ दर्शा रहा है प्रधानमंत्री के सौतेलापन को।उन्होंने कहा कि इस बार ट्रेन को रद्द होने नहीं दिया जाएगा। इसके लिए अगर धरना प्रदर्शन करना पड़े, ट्रेन रोकना पड़े या फिर सड़क पर उतरना पड़े सिख समाज के लोग आंदोलन के लिए तैयार हैं।

(जमशेदपुर से बरून कुमार की रिपोर्ट)

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