Jharkhand

सरकार ने किया संचार साथी पोर्टल लॉन्च, साइबर अपराधो में लगेगी लगाम

  • 87 करोड़ कनेक्शनो को जांचा गया ,संदिग्ध 36 लाख कनेक्शन निष्क्रिय किये गये
  • दो व्यक्तियों के नाम पर मिले अलग-अलग 6800 और 5300 कनेक्शन
  • फर्जी कनेक्शन से वाट्सएप कॉल में भी लगाम की तैयारी
  • पोर्टल पर दी गई AI (आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस )आधारित सुविधा

Cyber ​​crimes: देश में साइबर अपराधो का गढ़ माने जाने वाले झाऱखण्ड के जामताड़ा ने पूरे देश को बहुत परेशान किया है, एक फोन कॉल और आपका पूरा बैंक अकाउंट खाली। पल भर में ही हम आप आसानी से उनके बनाये मायाजाल में फंस कर अपने जीवन भर की जमा पूंजी गंवा बैठते है। जामताड़ा में स्टाइल सीख कर लोग सारे देश के कोने-कोने से नये-नये तरीको से अपराधों को अंजाम दे रहे है, लेकिन अब साइबर ठगी को अंजाम देना आसान नहीं होगा। सरकार ने ‘संचार साथी पोर्टल’ साइबर अपराधों में लगाम लगाने के लिए लांच कर दिया, अब दूसरों के नाम पर फर्जी तरीके से सिम खरीदना भी आसान नही होगा।

आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (AI की मदद से सरकार ने हाल हीं में 87 करोड़ मोबाइल कनेक्शनों की जांच की। इसमें 40 लाख संदिग्ध मोबाइल नंबरो की पहचान की गई और जिनमें से 36 लाख कनेक्शनों को निष्क्रिय कर दिया गया। सरकार की छानबीन में पाया गया कि एक समान फोटो पर फर्जी तरीके से अलग-अलग नाम से एक व्यक्ति को 6800 कनेक्शन जारी किए गये थे। इसी तरह एक अन्य व्यक्ति ने भी फर्जी तरीके से 5300 कनेक्शन ले लिये थे।

पोर्टल पर AI आधारित सुविधा दी गई

मंगलवार को केंद्रीय संचार मंत्री अश्वनी वैष्णव ने संचार साथी पोर्टल की औपचारिक शुरूआत के दौरान ये जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि संचार साथी पोर्टल पर AI आधारित सुविधा दी गई है जिसकी मदद से यूजर्स का मोबाइल नंबर डालकर पता चल जाएगा कि उसके नाम पर और कितने कनेक्शन चल रहे हैं। जब यूजर मोबाइल सिम लेता है तो वह केवाईसी (know your customer ) प्रक्रिया पूरी करने के लिए आधार कार्ड व फोटो देता है जो उसके नंबर से जुड़ा होता है। इसके जरिये उस यूजर के नाम पर चलने वाले सभी कनेक्शनों की जानकारी ली जा सकती है। अगर यूजर के नाम पर उसकी मर्जी के विरुद्ध कनेक्शन किये गये हैं तो वह पोर्टल पर ही आवेदन कर उन नंबरो को बंद करवा सकता है।

संचार साथी पोर्टल पर यूजर्स मोबाइल खोने या चोरी होने पर उसे ट्रेस करने के लिए जानकारी दे सकता है।फोन चोरी होने पर अभी यूजर सिम कार्ड ब्लाक कराता है। लेकिन अब मोबाइल फोन को ही ब्लाक कराया जा सकेगा।मतलब फोन ब्लॉक होने पर कोई भी सिम डालने से वह फोन काम नहीं करेगा।


फर्जी कनेक्शन वाले वाट्सएप काल भी नही कर सकेंगे

संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सिम बंद होने पर भी उस फोन से वाट्सएप काल की जा सकती है और फर्जीवाड़ा किया जा सकता है।मंत्रालय इस दिशा में वाट्सएप से बात कर रहा है और वाट्सएप भी फर्जी यूजर्स को ब्लाक करने पर राजी हो गया है। सिम बंद होने के बाद उस फोन से वाट्सएप काल भी संभव नही होगी । वर्तमान में एक व्यक्ति अधिकतम 9 कनेक्शन अपने नाम पर ले सकता है, लेकिन संचार मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक जल्द ही वह संख्या कम हो सकती है।

अनचाही काल पर भी लगा सकते है लगाम

संचार साथी पोर्टल पर अनचाही काल के विरुद्ध कार्रवाई का भी प्रावधान होगा। अनचाही कॉल की शिकायत पोर्टल पर आने के बाद उसकी जानकारी सभी टेलीकॉम कंपनियों को दी जायेगी और कंपनी उस नंबर के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगी। आपको बता दें कि साइबर ठगी पिछले कुछ वर्षों में बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। बैंक खातो से अवैध निकासी भी इससे जुड़ी समस्या है। हर साल हजारो लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे है।

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