District Formation: उड़ीसा सरकार को निर्देश, कोर्ट की सहमति के बिना नहीं बने जिला

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District Formation: उड़ीसा उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को अदालत की सहमति के बिना कोई भी नया जिला नहीं बनाने का निर्देश दिया है। बता दें कि राज्य में और अधिक जिले बनाने की तैयारी चल रही थी जिसे हाई कोर्ट ने झटका दिया है। नए जिलों के निर्माण को लेकर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बीआर सारंगी और न्यायमूर्ति मुराहरि रमन की खंडपीठ ने कहा कि राज्य बिना किसी दिशानिर्देश या सिद्धांत के और सरकार की मनमर्जी से नए जिले बनाने जा रहा है। अदालत की अनुमति के बिना कोई अंतिम आदेश पारित नहीं किया जाएगा।”

District Formation: मनमर्जी से बनाए जा रहे हैं जिले

रायरंगपुर बार एसोसिएशन और जिला क्रियानुष्ठान समिति के अध्यक्ष अक्षय कुमार मोहंती ने एक जनहित याचिका दायर कर मयूरभंज के रायरंगपुर को बामनघाटी (आमतौर पर रायरंगपुर के नाम से जाना जाता है) और पंचपीध (आमतौर पर करंजिया के नाम से जाना जाता है) को मिलाकर एक नया जिला घोषित करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि सरकार की मनमर्जी से 17 नए जिले बनाए गए। और सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए बनाए गए है। रिट याचिका में याचिकाकर्ता ने ओडिशा में नए जिलों के निर्माण की मांगों की जांच के लिए राज्य सरकार को उच्च न्यायालय के मौजूदा या सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने का निर्देश देने की मांग की थी।

District Formation: पदमपुर उपखंड को जिला बनाने की थी तैयारी

इस महीने की शुरुआत में, ओडिशा सरकार ने बरगढ़ में पदमपुर उप-मंडल को एक नए जिले के रूप में घोषित करने की योजना बनाई थी, जिसमें उत्तरी डिवीजन के राजस्व मंडल आयुक्त की अध्यक्षता में एक आधिकारिक टीम ने जिला मुख्यालय के निर्माण के लिए कुछ स्थानों की तलाश की थी। पिछले साल नवंबर में मुख्यमंत्री पटनायक ने वादा किया था कि छह ब्लॉक, छह तहसील, दो एनएसी और लगभग 6.7 लाख की आबादी वाले बरगढ़ जिले के पदमपुर उपखंड को दिसंबर 2023 तक ओडिशा का 31वां जिला घोषित किया जाएगा। वहीं पदमपुर के अलावा बोलांगीर जिले के कांटाबांजी और टिटिलागढ़ से भी अलग जिले घोषित करने की मांग उठ रही है।

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