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बंगाल के सुंदरबन में खुलेगा बाघों का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, जानें क्या-क्या होंगी सुविधाएं

बंगाल सरकार ने सुंदरबन में बाघों को बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। बाघों के इलाज के लिए एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाया जा रहा है। यह अस्पताल बायराखाली बाघ पुनर्वास केंद्र में बनाया जा रहा है। इस अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर सहित चिकित्सा की हर सुविधाएं उपलब्ध होंगी। वन विभाग के मुताबिक अस्पताल का निर्माण पश्चिम बंगाल चिड़ियाघर प्राधिकरण की देखरेख में हो रहा है। हालांकि यह अस्पताल बाघ पुनर्वास केंद्र में बनाया गया है, लेकिन इसमें सभी प्रकार के जानवरों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने की व्यवस्था की जा रही है।

मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल का मुख्य भवन पूरा हो चुका है, लेकिन अभी भी कई तकनीकी बदलाव किए जाने बाकी हैं। इस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बाघ सहित विभिन्न जानवरों के इलाज के लिए अत्याधुनिक उपकरण होंगे।

वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पशु-पक्षियों की सर्जरी के लिए अलग से ऑपरेशन थिएटर बनाया जाएगा। इस अत्याधुनिक मेडिकल सेंटर का नाम ‘टाइगर रेफरल सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल’ रखा गया है।

बता दें कि वन विभाग के मुताबिक अस्पताल खोलने के लिए जरूरी मेडिकल उपकरणों की सूची सरकार को पहले ही भेजी जा चुकी है। उस सूची में एक्स-रे, ईसीजी, यूएसजी मशीनें, ऑपरेशन थिएटर उपकरण और अधिक उन्नत चिकित्सा तकनीक शामिल हैं।

वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस अस्पताल को 2023 के अंत तक इस अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। अस्पताल के निर्माण का पूरा होने के बाद रॉयल बंगाल टाइगर्स की इलाज में काफी सुविधाएं होगी।

वहीं राज्य सरकार ने इस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को इस बात को ध्यान में रखते हुए बनाने की योजना बनाई है कि सुंदरबन के बाघों और मगरमच्छों के अलावा अन्य जंगली जानवरों का भी इलाज किया जा सके। बताया गया है कि देश के किसी भी हिस्से से पशुओं को यहां लाकर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जायेगी।

सुंदरबन के इस पुनर्वास केंद्र में फिलहाल 3 बाघ और 11 मगरमच्छ हैं। उनका इलाज हो रहा है। इस अस्पताल में अत्याधुनिक इलाज के लिए एक विशेष प्रकार की ‘हाइड्रोलिक टेबल’ लाने की योजना है।

वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार टेबल आसानी से घूम जाएगी। ताकि किसी भी आकार के जानवरों को वहां रखा जा सके और उन्हें आवश्यक उपचार दिया जा सके। बाहर से पशुओं को इलाज के लिए इस अस्पताल में लाने के लिए विशेष प्रकार की एंबुलेंस की व्यवस्था की जा रही है।

वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार शुरुआती तौर पर तय इस अस्पताल में 4 डॉक्टर और 1 सर्जन होंगे। पैथोलॉजिस्ट, फार्मासिस्ट और अन्य जरूरी पदों पर भी समय-समय पर भर्ती की जाएगी।

राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने बताया कि फिलहाल सुंदरबन में 150 से अधिक रॉयल बंगाल टाइगर्स हैं। कैमरा-ट्रैप के फुटेज के आधार पर बाघों की गणना की जाती है। सुंदरबन में मैग्रोव के पेड़ लगाये जा रहे हैं. इससे बाघों की संख्या में और इजाफा और वृद्धि होगी।

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