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चुनाव सुधार के तहत चुनाव आयोग ने 474 गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियों को सूची से हटाया

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  • 474 पार्टियां 6 साल चुनाव न लड़ने पर हटाई गईं
  • पंजाब की 21 पार्टियां सूची से हटाई गईं
  • 359 पार्टियों को ऑडिट न देने नोटिस मिला
  • 2 महीनों में कुल 808 पार्टियां हटाई गईं
  • चुनाव आयोग ने सुधार के लिए कदम बढ़ाए

Punjab News : भारतीय चुनाव आयोग ने 18 सितम्बर, 2025 को ऐसी 474 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों (आर यू पी पी) को सूची से हटा दिया है, जिन्होंने लगातार 6 वर्षों तक कोई चुनाव नहीं लड़ा. इस सूची में पंजाब की 21 पार्टियां शामिल हैं.

इस पहल को आगे बढ़ाते हुए, 359 ऐसी पार्टियों की पहचान की गई है जिन्होंने पिछले तीन वित्तीय वर्षों (यानी 2021-22, 2022-23, 2023-24) में निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने वार्षिक ऑडिटेड खाते जमा नहीं करवाए और चुनाव तो लड़े, लेकिन चुनाव व्यय रिपोर्ट दाखिल नहीं की. ये पार्टियां देशभर के 23 अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित हैं, जिनमें पंजाब की 11 पार्टियां भी शामिल हैं.

राजनीतिक पार्टियों का पंजीकरण और अधिकार

उल्लेखनीय है कि देश में राजनीतिक पार्टियां (राष्ट्रीय/राज्य/पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियां) लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 के प्रावधानों के तहत भारतीय चुनाव आयोग के पास पंजीकृत होती हैं. अधिनियम के अनुसार, एक बार किसी पार्टी के राजनीतिक पार्टी के रूप में पंजीकृत होने पर उसे कुछ विशेष अधिकार और लाभ मिलते हैं, जैसे चुनाव चिह्न, कर में छूट आदि.

छह वर्षों तक चुनाव न लड़ने पर पार्टी हटाई

राजनीतिक पार्टियों के पंजीकरण संबंधी दिशा-निर्देशों में स्पष्ट है कि यदि कोई पार्टी लगातार 6 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ती है तो उसे पंजीकृत पार्टियों की सूची से हटा दिया जाएगा. चुनाव प्रणाली में सुधार के लिए भारतीय चुनाव आयोग ने व्यापक और निरंतर रणनीति के तहत देशव्यापी अभियान चलाया है ताकि 2019 से लगातार 6 वर्षों तक एक भी चुनाव न लड़ने वाली पार्टियों की पहचान कर उन्हें सूची से हटाया जा सके.

808 पार्टियां दो महीनों में सूची से हटाई गईं

इस कवायद के पहले चरण में भारतीय चुनाव आयोग ने 9 अगस्त, 2025 को 334 पार्टियों को सूची से हटा दिया था और दूसरे चरण में 18 सितम्बर, 2025 को लगातार 6 वर्षों तक चुनावों में हिस्सा न लेने के आधार पर 474 पार्टियों को सूची से हटा दिया गया. इस प्रकार पिछले 2 महीनों में कुल 808 पार्टियों को सूची से हटा दिया गया है.

कारण बताओ नोटिस और सुनवाई का अवसर

यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी पार्टी बिना वजह सूची से न हटाई जाए, संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वार्षिक ऑडिटेड खाते जमा न करने वाली 359 पार्टियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाएं. इसके बाद, पार्टियों को संबंधित मुख्य चुनाव अधिकारी की ओर से सुनवाई का अवसर प्रदान किया जाएगा. भारतीय चुनाव आयोग द्वारा किसी भी आर यू पी पी को सूची से हटाने का अंतिम निर्णय मुख्य चुनाव अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर लिया जाएगा.

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