Madhya Pradesh

ओबीसी आरक्षण पर हाईकोर्ट की रोक जारी, समाधान के लिए सीएम मोहन यादव ने की बैठक

फटाफट पढ़ें

  • मध्य प्रदेश में ओबीसी आबादी 50% से ज्यादा
  • ओबीसी आरक्षण मामला छह साल से लंबित
  • सीएम ने सर्वदलीय बैठक आज बुलाई है
  • हाईकोर्ट ने 27% आरक्षण पर रोक लगाई
  • रिपोर्ट तैयार कर सुप्रीम कोर्ट को भेजी जाएगी

Madhya Pradesh : ओबीसी आयोग के सर्वे के मुताबिक मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग की आबादी 50% से अधिक है, लेकिन न्यायालयीन चुनौतियों के कारण भर्ती प्रक्रियाओं में लाभ नहीं मिल पा रहा. इस बैठक के बाद सभी दलों से सुझाव लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेगी.

मध्य प्रदेश में छह साल से लंबित 27% ओबीसी आरक्षण मामले को हल करने के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आज सीएम हाउस में सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस बैठक में मुख्यमंत्री के साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव समेत अन्य नेता मौजूद रहे.

बैठक में ओबीसी वर्ग के प्रमुख नेता भी हुए शामिल

इस बैठक में पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष रामकृष्ण कुसमारिया और ओबीसी वर्ग के प्रमुख नेता मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, मंत्री कृष्णा गौर, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल भी शामिल हैं. बता दें कि साल 2019 में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने ओबीसी आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% कर दिया था. इसके बाद कई संगठनों ने आरक्षण की कुल सीमा 50% के पार जाने का हवाला देते हुए हाईकोर्ट में याचिक दाखिल की थी.

साल 2020 में जबलपुर हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया में 27% ओबीसी आरक्षण लागू करने पर रोक लगा दी थी, तभी से यह मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के बीच लंबित है.

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