
CM Mohan Yadav : जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद से राजनीतिक दलों के बीच गतिविधियां तेज हो गई हैं। चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन में चुनाव लड़ रही हैं। इसी फैसले को लेकर बीजेपी कांग्रेस पर जमकर जुबानी हमला कर रही है। अब एमपी के सीएम मोहन यादव ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “नेशनल कॉन्फ्रेंस का कांग्रेस के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ना यह दर्शाता है कि क्या कांग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र के अनुसार अलग झंडे के वादे का समर्थन करती है, क्या कांग्रेस कश्मीर में फिर से धारा 370 और 35 ए वापस लाना चाहती है? कांग्रेस सिर्फ वोट बैंक के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिलकर कश्मीर में फिर से अराजकता लाना चाहती है… मैं चाहता हूं कि कांग्रेस इन बातों का जवाब दे… राहुल गांधी को इसका जवाब देना चाहिए। चुनावी राजनीति में पार्टियों की अपनी सीमाएं हो सकती हैं लेकिन कांग्रेस को राष्ट्रीय मुद्दों पर सोचना चाहिए। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक बार सोचना चाहिए कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ खड़े होने की उनकी क्या मजबूरी थी, जनता जवाब जानना चाहती है।”
मध्य प्रदेश के मुखिया मोहन यादव ने कहा, “कश्मीर आज एक अलग दौर में पहुंच गया है, वह देश के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहता है, लेकिन कांग्रेस सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए दलितों, गुजर्र, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त कराना चाहती है।” मोहन यादव ने तंजिया अंदाज में कहा, “क्या शंकराचार्य पर्वत को तख़्त-ए-सुलेमान और हरि पर्वत को कोह-ए-मारन नाम से जाना जाएगा, क्या कांग्रेस की यही इच्छा है?”
कांग्रेस और एनसी गठबंधन पर सवालों की झड़ी लगाते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “कांग्रेस एक बार फिर से बाबा अमराथ की यात्रा पर संकट के बादल मंडराना चाहती है।”
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