
साल का पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल 2022 को लग रहा है। यह सूर्यग्रहण आंशिक है और भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए आशिंक सूर्यग्रहण का सूतक काल नहीं होगा। हालांकि हर ग्रहण का राशियों पर बुरा और अच्छा प्रभाव जरूर पड़ता है। ग्रहों की बुरी नजर से बचने के लिए मंत्रों का जाप करना चाहिए, ऐसा ज्योतिषचार्यों का मत है।
दैनिक जीवन में मंत्रों का जाप करके कई लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। मंत्रों का जाप करने से जीवन में कई परेशानियों का नाश हो जाता है। सूर्यग्रहण के दौरान राहु-केतु की बुरी दृष्टि से बचने के लिए मंत्रों का जाप करना शुभ होता है। आइए जानते हैं उन मंत्रों के बारे में जिसके जप से राहु-केतु की बुरी दृष्टि से बच सकते हैं।
1- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते,
अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
2- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
3- “विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत
दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥
बुरी शक्तियों के विनाश के लिए
ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय
जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।।
राहु-केतु को शांत करने के लिए
तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।
हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥
कब है सूर्यग्रहण?
आशिंक सूर्यग्रहण आज 30 अप्रैल की रात 12 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा और सुबह 4 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगा। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, सूर्यग्रहण से समय आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इस समय सूर्यदेव की उपासना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है और नौकरी तथा व्यापार में उन्नति होती है।
ऐसी मान्यता है कि सूर्यग्रहण के समय सूर्यदेव की पूजा करने से और किसी भी मंत्र का जाप करने से उस समय जप-तप का कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है।
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