Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण से ठीक पहले प्रचार थम चुका है, लेकिन सियासी बयानबाज़ी अब भी अपने चरम पर है. आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और अब जनशक्ति जनता दल के प्रमुख तेजप्रताप यादव ने चुनावी माहौल में नई हलचल मचा दी है. पार्टी से अलग होकर पहली बार अपने नए नाम और सिंबल के साथ मैदान में उतरे तेजप्रताप ने मीडिया के सामने अपना ओपिनियन पोल जारी कर दिया और दावा किया कि इस बार उनकी पार्टी बिहार की राजनीति में नई दिशा तय करेगी.
तेजप्रताप का आत्मविश्वास – “हम 10 से 15 सीटें जीतेंगे”
तेजप्रताप यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जनता का रुझान पूरी तरह से बदल गया है. अब लोग केवल वादों पर नहीं, बल्कि भरोसे और बदलाव की राजनीति चाहते हैं. उन्होंने आत्मविश्वास से कहा,
“जनशक्ति जनता दल इस चुनाव में 10 से 15 सीटें जीतकर दिखाएगी. बिहार में बहार लौटने वाली है. ”
उनका मानना है कि राज्य के युवा रोजगार, शिक्षा और आत्मसम्मान के मुद्दों पर जाग चुके हैं. यही वजह है कि लोग इस बार नई सोच और स्वच्छ राजनीति को मौका देना चाहते हैं.
राहुल गांधी पर पलटवार – “जनता सब जानती है”
जब तेजप्रताप से कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा उठाए गए ‘वोट चोरी’ और ‘SIR’ वाले आरोपों पर सवाल किया गया, तो उन्होंने सीधा जवाब दिया –
“इन बातों का कोई असर नहीं पड़ेगा. जनता सब जानती है और हवा अब बदलने वाली नहीं. ”
उनके इस बयान ने सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी, क्योंकि तेजप्रताप ने पहली बार राहुल गांधी जैसे बड़े नेता पर खुलकर प्रतिक्रिया दी.
खतरे में जान का दावा
तेजप्रताप यादव ने यह भी दावा किया कि उन्हें जान का खतरा है. हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके इस बयान ने चुनावी माहौल को और गरमा दिया है. लोग अब यह जानना चाहते हैं कि आखिर तेजप्रताप को किससे खतरा महसूस हो रहा है.
उन्होंने कहा कि चाहे जितनी मुश्किलें आएं, वे जनता की सेवा और बिहार को नई दिशा देने के अपने वादे से पीछे नहीं हटेंगे. इतना ही नही उन्होंने आगे कहा कि, “हमारा मकसद सत्ता नहीं, सिस्टम को बदलना है,”
बदलाव की राजनीति की ओर बिहार
तेजप्रताप ने कहा कि बिहार की जनता अब बदलाव के मूड में है. युवाओं का झुकाव नई पार्टियों की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने दावा किया कि “इस बार जनता ने ठान लिया है कि अब वही सरकार बनेगी जो सच्चाई और विकास की राजनीति करेगी. ”
तेजप्रताप यादव के इस आत्मविश्वास और दावों ने साफ कर दिया है कि भले ही वह राजनीतिक रूप से नए सिरे से शुरुआत कर रहे हों, लेकिन उनके इरादे बेहद मजबूत हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या उनका यह “बिहार में बहार लौटने” वाला दावा हकीकत बन पाता है या नहीं.
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