माधव नेशनल पार्क में बाघों को आश्रय स्थल बनाने की योजना पर काम शुरू

राजधानी भोपाल के मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से छह माह पहले पकड़कर लाए गए बाघ को अब शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में शिफ्ट किया जाएगा। माधव नेशनल पार्क में बाघों को आश्रय स्थल बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। नर्मदापुरम के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, बांधवगढ़ व पन्ना नेशनल पार्क के तीन बाघों को माधव नेशनल पार्क में भेजा जाएगा। बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है। एक नर व दो मादा बाघों को माधव नेशनल पार्क के जंगल में छोड़ा जाएगा।
गौरतलब है कि छह माह पहले मैनिट से बाघ को पकड़ा गया था। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व प्रबंधन की ओर से बाघ पर कालर आइडी लगाकर नजर रखी गई थी, जिसके बाद चूरना रेंज में विचरण के लिए छोड़ा गया था। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक एल. कृष्णमूर्ति ने बताया कि विशेष वाहन से बाघ को शिवपुरी ले जाया जा रहा है। वन्यप्राणी विशेषज्ञ बाघ पर नजर रख रहे थे। टी-21 बाघ की उम्र ज्यादा नहीं हैं। लेकिन वह शिकार करने व कुनबा बढ़ाने में सक्षम है।
शिवपुरी में बाघों की संख्या अच्छी थी, लेकिन धीरे धीरे यहां पर बाघों की संख्या कम हो गई। पर्यटकों को भी यहां बाघ कम नजर आते थे। इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए बाघों को शिवपुरी लाया जा रहा है। क्षेत्र संचालक कृष्णमूर्ति ने बताया कि बाघों के संरक्षण के लिए बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं। बाघों की शिफ्टिंग भी जरूरत के हिसाब की जा रही है।