पुतिन का आदेश, अलर्ट पर न्यूक्लियर फ़ोर्स, अमेरिका ने कहा-अस्वीकार्य कदम

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी सेना को न्यूक्लियर फोर्सेज़ को स्पेशल अलर्ट पर रखने का आदेश दिया है। रूस की स्ट्रैटेजिक मिसाइल फोर्सेज़ के लिए ये सबसे बड़ा अलर्ट है। इस ऐलान के बाद से परमाणु युद्ध की संभावनाएं हैं।

अमेरिका ने इस कदम को ‘अस्वीकार्य’ बताया है।

इसके पहले पुतिन ने रक्षा मंत्री सेरगेई शोइगू और सेना के दूसरे शीर्ष अधिकारियों से बात करते हुए कहा कि पश्चिमी देशों ने रूस के साथ ‘दोस्ताना बर्ताव नहीं’ किया और उन पर ‘ग़लत तरह से प्रतिबंध लगाए हैं।’

रूस के इस कदम को नेटो (NATO) देशों की प्रतिक्रिया के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है।

रूस के राष्ट्रपति पुतिन के इस कदम को भविष्य की तैयारी के अनुरूप देखा जा रहा है लेकिन सूत्रों के अनुसार रूस का परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का संकेत देने के बजाए नेटो को चेतावनी देने का एक तरीका ज्यादा लगता है।

पुतिन ने पहले भी चेतावनी दी थी कि, ‘’जो भी हमें रोकने की कोशिश करेगा उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।’’

वहीं, अमेरिका ने भी इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया जताई है।

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की प्रतिनिधि लिंडा थॉमस ग्रीनफ़ील्ड ने ‘सीबीएस न्यूज़’ से कहा कि यह बिल्कुल ‘स्वीकार नहीं किया जा सकता।’

उन्होंने कहा, ‘’इसका मतलब ये है कि राष्ट्रपति पुतिन युद्ध को उस तरीके से आगे बढ़ाने जा रहे हैं जो बिल्कुल अस्वीकार्य है और हमें उनके एक्शन हर संभव तरीके से रोकने होंगे।’’

आईएईए ने बुलाई आपात बैठक

इंटरनेशनल अटॉमिक एनर्जी (IAEA) एजेंसी ने बुधवार को यूक्रेन के मौजूदा हालातों को देखते हुए आपात बैठक बुलाई है।

यूक्रेन में चार न्यूक्यिलर पावर प्लांट हैं और अगर हमला होता है तो देश को बड़ी तबाही देखनी पड़ सकती है।

संयुक्त राष्ट्र की न्यूक्लियर वॉचडॉग संस्था के 35 देशों के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स की बैठक में यूक्रेन के हालात पर चर्चा होगी।

रूस की सेनाओं ने चेर्नोबिल में रेडियोएक्टिव वेस्ट और न्यूक्लियर फ्यूल को सीज़ कर दिया है। यह जगह दुनिया के सबसे बुरे न्यूक्लियर हादसे के लिए जानी जाती है। यहां काम करने वाले स्टाफ़ की ड्यूटी बीते गुरुवार से नहीं बदली गई है।