
Punjab : पंजाब के उद्योग और वाणिज्य मंत्री संजीव अरोड़ा ने गुरुवार को घोषणा की कि राज्य सरकार पंजाब में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने और कारोबार करने की सुगमता बढ़ाने के उद्देश्य से एक नई औद्योगिक पार्क नीति को अंतिम रूप दे रही है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अरोड़ा ने ज़ोर देकर कहा कि यह नीति, जो इस समय प्रारूप तैयार करने के चरण में है, भारत में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी बनने के लिए तैयार की जा रही है।
संजीव अरोड़ा ने कहा, ‘औद्योगिक पार्क नीति मनोनीत औद्योगिक पार्कों के भीतर अति-आधुनिक बुनियादी ढांचे और व्यापक सुविधाओं की पेशकश करके औद्योगिक विस्तार को समर्थन देने के लिए एक मजबूत ढांचा प्रदान करेगी।’ उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ये पार्क कारोबारी गतिविधियों को सुचारू बनाएंगे, निवेश आकर्षित करेंगे और उद्योगों के बढ़ने-फूलने के लिए अनुकूल माहौल तैयार करेंगे।
संजीव अरोड़ा ने 10 जून, 2025 को फास्टट्रैक पंजाब पोर्टल (fasttrack.punjab.gov.in) के लॉन्च पर भी प्रकाश डाला। मंजूरियों को तेज़ करने के लिए तैयार किए गए इस पोर्टल को अब तक 1,431 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 684 पर निर्धारित समय के भीतर प्रक्रिया की गयी है, जबकि शेष 747 समीक्षा के अधीन हैं और जल्द ही स्वीकृत होने की उम्मीद है। अरोड़ा ने आगे कहा, ‘फास्टट्रैक पंजाब पोर्टल पारदर्शिता और दक्षता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, यह सुनिश्चित करता है कि व्यवसायों को न्यूनतम देरी का सामना करना पड़े।’
मंत्री संजीव अरोड़ा ने प्रमुख बुनियादी ढांचे के निवेशों का भी विवरण दिया। पंजाब स्मॉल इंडस्ट्रीज एंड एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन (पीएसआइइसी) ने राज्य के विभिन्न फोकल पॉइंट्स में बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। 70 करोड़ रुपये के टेंडर पहले ही जारी किए जा चुके हैं, जबकि शेष 30 करोड़ रुपये की टेंडरिंग प्रक्रिया में हैं। खास तौर पर लुधियाना में नगर निगम स्थानीय बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए 55 करोड़ रुपये का निवेश करेगा, जिससे औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए बेहतर संपर्क और सुविधाएं सुनिश्चित होंगी।
उन्होंने लुधियाना, अमृतसर और मोहाली में तीन अति-आधुनिक प्रदर्शनी केंद्रों के निर्माण की योजनाओं का भी उल्लेख किया। इन केंद्रों का उद्देश्य व्यापार को प्रोत्साहन देना, स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देना और उत्पादों व नवाचारों को प्रदर्शित करने के लिए मंच प्रदान करना है। मोहाली प्रदर्शनी केंद्र के लिए ज़मीन की पहले ही पहचान की जा चुकी है, जबकि सरकार लुधियाना और अमृतसर में उपयुक्त स्थानों की सक्रिय रूप से तलाश कर रही है।
संजीव अरोड़ा ने यह भी कहा कि वन-टाइम सेटलमेंट स्कीम के माध्यम से लगभग 40 साल पुराने मुद्दों को हल किया गया है, जिसका उद्योग द्वारा स्वागत किया गया है। समय पर समाधान सुनिश्चित करने के लिए रद्द किए गए प्लॉटों के लिए एक अपीलीय प्राधिकरण स्थापित किया गया है। इसके अलावा औद्योगिक प्लॉटों की क्लबिंग और डी-क्लबिंग लागू की गई है, जिससे उद्यमी अपनी ज़मीन का बेहतर उपयोग कर सकें। उद्योगपति अब लीज़होल्ड प्लॉटों या शेडों को फ्रीहोल्ड में भी बदल सकते हैं। सरकार लीज़ पर आवंटित प्लॉटों की स्वामित्व भी दे रही है, ताकि उद्यमी आसानी से वित्तीय लेन-देन कर सकें।
कैबिनेट मंत्री ने यह भी साझा किया कि पिछले साल पंजाब सरकार ने उद्योगपतियों को 90 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन प्रदान किए थे और अब केवल 5 महीनों के भीतर ही 222 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पहले ही दिए जा चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब में उद्योग स्थापित करने के लिए एक नया पोर्टल पहले ही शुरू किया जा चुका है, जिसके तहत सिंगल-विंडो सिस्टम से सभी मंजूरियां 45 दिनों के भीतर दी जाती हैं। वास्तव में, मंजूरियां तीसरे या चौथे दिन से ही जारी होनी शुरू हो जाती हैं, इसलिए उद्योगपतियों को पूरे 45 दिन इंतज़ार भी नहीं करना पड़ता।
मजबूत करने के लिए एक अग्रणी औद्योगिक हब
संजीव अरोड़ा ने पंजाब सरकार की कारोबारी-अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा, ‘हमारा लक्ष्य पंजाब को उद्यमियों और निवेशकों को अभूतपूर्व समर्थन प्रदान करके, रोजगार सृजित करने, नए उद्योगों को आकर्षित करने और पंजाब के आर्थिक परिदृश्य को मजबूत करने के लिए एक अग्रणी औद्योगिक हब के रूप में स्थापित करना है।’
इससे पहले संजीव अरोड़ा ने उद्योग, श्रम, पीएसपीसीएल, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और उद्योग से संबंधित अन्य योजनाओं की समीक्षा करने और कार्यान्वयन की चुनौतियों को हल करने के लिए प्रमुख विभागों के अधिकारियों के साथ एक बैठक की। चर्चाएं औद्योगिक और आर्थिक कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए तालमेल बढ़ाने और बाधाओं को दूर करने पर केंद्रित थीं।
इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में पंजाब विकास आयोग के सदस्य वैभव महेश्वरी, उद्योग निदेशक सुरभि मलिक, डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन, ग्लाडा के मुख्य प्रशासक संदीप कुमार, अतिरिक्त सीइओ (इन्वेस्ट पंजाब) राहुल चाबा, डीसीपी रुपिंदर पाल सिंह और अन्य शामिल थे।
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