राष्ट्रीय

नेपाल की जेल से फरार 30 कैदियों को भारत में घुसने से रोका, 217 भारतीयों की सुरक्षित वापसी जारी

Nepal Prisoners In India : नेपाल की एक जेल से फरार हुए कैदियों द्वारा भारतीय सीमा में प्रवेश की कोशिशों को नाकाम कर दिया गया है. सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने समय रहते कार्रवाई करते हुए कुल 30 कैदियों को भारत में प्रवेश करते वक्त पकड़ लिया. इनमें से 17 को उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से जबकि बाकी 13 को बिहार और पश्चिम बंगाल की सीमा से गिरफ्तार किया गया है.

सीमा पर अलर्ट, यूपी में रातभर चला तलाशी अभियान

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर, बहराइच और बलरामपुर जिलों में बुधवार रात से गहन गश्त चलाई गई. नेपाल की जेल से कैदियों के फरार होने की सूचना मिलते ही भारतीय सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी गई थी. इसी सघन निगरानी के दौरान इन अपराधियों को धर दबोचा गया.

बुधवार दोपहर को नेपाल की जेल से भागे कैदियों की जानकारी मिलते ही SSB ने सभी सीमाई इलाकों पर सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया था. सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया और संदिग्ध गतिविधियों पर विशेष नजर रखने के निर्देश दिए गए.

नेपाल में फंसे भारतीयों की वापसी का अभियान तेज

नेपाल में उत्पन्न हालिया हिंसा और अस्थिरता के चलते वहां फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के प्रयास तेज़ हो गए हैं. आंध्र प्रदेश सरकार ने केंद्र, भारतीय दूतावास और नेपाली अधिकारियों के सहयोग से निकासी योजना को सक्रिय किया है.

गुरुवार को सिमिकोट से 12 भारतीयों को लेकर एक विशेष उड़ान रवाना की गई, जबकि 22 अन्य नागरिक सड़क मार्ग से सुरक्षित भारत लौटे. आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश ने जानकारी दी कि काठमांडू से दिल्ली के लिए एक विशेष उड़ान की योजना बनाई गई है, जिससे 200 से अधिक लोगों को वापस लाया जाएगा.

उन्होंने बताया कि अब तक 133 भारतीयों को काफिले की सुरक्षा में काठमांडू एयरपोर्ट तक पहुंचाया जा चुका है, जबकि 43 अन्य लोग जल्द ही वहां पहुंचने वाले हैं. पोखरा से भी एक चार्टर विमान रवाना होने वाला है जो 10 और लोगों को काठमांडू लाकर भारत की इंडिगो फ्लाइट से भेजेगा.

राज्य सरकार के अनुसार, नेपाल में आंध्र प्रदेश के 217 नागरिकों की पहचान की गई है, जिनमें से 173 काठमांडू, 22 हेटौडा, 10 पोखरा और 12 सिमिकोट (नेपाल-चीन सीमा के पास) में फंसे हैं.

सरकार का लोगों को आश्वासन

सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षित और शीघ्र घर वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं.

यह घटना नेपाल और भारत के सीमाई सहयोग की एक अहम परीक्षा बनकर सामने आई है, जिसमें सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन की तत्परता ने  एक ओर सीमा सुरक्षा, और दूसरी ओर अपने नागरिकों की सुरक्षा के दोहरे मोर्चे पर कुशल प्रबंधन साबित किया है.

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