
बिहार में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर छात्रों ने जमकर बवाल किया। इस प्रदर्शन में एक पैसेंजर ट्रेन की चार बोगियों को आग के हवाले कर दिया गया। बिहार में सबसे ज्यादा बवाल गया और आरा में हुआ है।
इसमें आरआरबी की कार्यशैली पर आरोप लगाए गए हैं। हालांकि रेल मंत्री ने इस संबंध में आश्वन दिया है कि मामले को देखा जाएगा और सरकार ने इसको लेकर एक कमेटी का भी गठन किया है।
एनडीटीवी को दिए साक्षात्कार में मशहूर यूट्यूबर खान सर ने विवाद की वास्तविक वजह पर बात की। उन्होंने कहा कि आरआरबी जमीनी लेवल पर नहीं सोच पाती है। ग्रेजुएशन और इंटरमीडिएट लेवल की परीक्षा को एक साथ लेना रेलवे की बड़ी भूल साबित हुई।
उन्होंने कहा कि इस संयुक्त परीक्षा में ग्रेजुएट परीक्षार्थियों को ज्यादा फायदा हुआ। उन्हें दो-दो पोस्ट के लिए काउंट किया गया जबकि इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों को एक बार ही काउंट किया गया। इससे छात्रों में काफी नाराजगी थी।
परीक्षा की नई प्रक्रिया का विरोध
खान सर ने कहा कि इस बार की परीक्षा प्रक्रिया में रेलवे ने इंटरमीडिएट छात्रों के साथ भेदभाव किया। उनका कहना है कि परीक्षा में इंटरमीडिएट लेवल का प्रश्न पूछा गया जो ग्रेजुएट परीक्षार्थी के लिए आसान था। पहले की प्रक्रिया में ग्रेजुएट लेवल की नौकरियों के लिए अलग परीक्षा होती थी और इंटर लेवल के लिए अलग। लेकिन नई प्रक्रिया में दोनों को एक साथ कर दिया गया। इससे इंटर के छात्रों का खासा नुकसान हुआ।
आरआरबी पर बड़ा आरोप
आरआरबी पर आरोप है कि बोर्ड ने 2019 का रिजल्ट 15 जनवरी 2022 को दिया। उसके बाद रेलवे बोर्ड ने कहा कि जिन छात्रों ने प्री क्वालिफाई किया है उनकी 14 फरवरी को परीक्षा ली जाएगी। रेलवे ने 7.5 लाख रिजल्ट के वादे के विपरित मात्र 3.8 लाख ही रिजल्ट प्रकाशित किया। 3.8 लाख के रिजल्ट में भी ग्रेजुएट छात्रों को दो-दो बार काउंट किया गया।
मामला NTPC से जुड़ा
NTPC यानि नॉन टेक्निकल पॉप्युलर कैटेगरी के छात्रों द्वारा 24 जनवरी को पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर हंगामा किया जा रहा था। जिसके तुरंत बाद रेलवे बोर्ड ने नया नोटिफिकेशन जारी किया। नोटिफिकेशन के मुताबिक, Group D के करीब 1.5 करोड़ छात्रों का डबल एक्जाम लिया जाएगा। इसके बाद छात्र भड़क गए और हंगामा और तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया गया।
इस बीच पटना के पत्रकार नगर थाने में कुछ कोचिंग संस्थान और उनके संचालकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इसमें सबसे बड़ा नाम पटना के खान सर का है। हालांकि खान सर ने मीडिया से बातचीत में उनके ऊपर लगे आरोपों से साफ इंकार किया और कहा कि यह पूरी गलती आरआरबी और आरआरबी के एक्जाम नोटिफिकेशन की टाइमिंग की है।