
Bullett Train Update : केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना पर महत्वपूर्ण अपडेट साझा किया है. उन्होंने घोषणा की है कि भारत की पहली बुलेट ट्रेन सेवा बहुत जल्द शुरू होने वाली है, जो मुंबई और अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर की दूरी को मात्र 2 घंटे 7 मिनट में पूरा करेगी. यह हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी, जो भारत में रेल यात्रा को क्रांतिकारी रूप से बदल देगी.
बुलेट ट्रेन परियोजना की प्रगति
रेल मंत्री वैष्णव ने रविवार को गुजरात के भावनगर टर्मिनस से अयोध्या एक्सप्रेस, रीवा-पुणे एक्सप्रेस और जबलपुर-रायपुर एक्सप्रेस को वर्चुअल रूप से हरी झंडी दिखाते हुए कहा कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना पर काम तेजी से चल रहा है. यह परियोजना मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) से शुरू होकर गुजरात के वापी, सूरत, आणंद, वडोदरा और अहमदाबाद को जोड़ेगी. वैष्णव ने बताया कि परियोजना की पहली खंड सूरत-बिलिमोरा के बीच 2026 तक शुरू होने की उम्मीद है, जबकि पूरे कॉरिडोर का काम दिसंबर 2029 तक पूरा होगा.
गुजरात और मध्य प्रदेश में रेलवे की नई पहल
भावनगर में एक सभा को संबोधित करते हुए वैष्णव ने गुजरात में आगामी रेलवे परियोजनाओं का ब्योरा दिया. इनमें पोरबंदर और राजकोट के बीच एक नई ट्रेन, राणावाव स्टेशन पर 135 करोड़ रुपये की कोच रखरखाव सुविधा, पोरबंदर शहर में रेलवे फ्लाईओवर, दो गति शक्ति कार्गो टर्मिनल और भावनगर में एक कंटेनर टर्मिनल शामिल हैं. इसके अलावा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी कई नई रेल परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जो डबल इंजन सरकारों के सहयोग से तेजी से प्रगति कर रही हैं.
11 साल में 34,000 किलोमीटर नई रेल पटरियां
वैष्णव ने दावा किया कि मोदी सरकार के 11 वर्षों में देश में 34,000 किलोमीटर नई रेल पटरियां बिछाई गई हैं, जो प्रतिदिन औसतन 12 किलोमीटर नई पटरियों के बराबर है. उन्होंने कहा कि देश में 1,300 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है, जो पहले कभी नहीं हुआ. वैष्णव ने जोर देकर कहा कि विकसित देशों में स्टेशनों का नवीनीकरण ट्रेनों और स्टेशनों को बंद करके किया जाता है, लेकिन भारत में जनसंख्या की विशालता और अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए यह काम बिना रुकावट के किया जा रहा है.
अमृत भारत और वंदे भारत ट्रेनें
रेल मंत्री ने मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई वंदे भारत एक्सप्रेस, अमृत भारत एक्सप्रेस और नमो भारत एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि अब तक आठ अमृत भारत ट्रेनें शुरू की जा चुकी हैं, जो वंदे भारत जैसी सुविधाओं के साथ कम किराए में उपलब्ध हैं. ये ट्रेनें आधुनिक तकनीक से निर्मित हैं और यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करती हैं. वैष्णव ने कहा कि इन ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया इसकी सफलता को दर्शाती है.
परियोजना का तकनीकी और आर्थिक पक्ष
मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर की कुल लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से 81% (लगभग 88,000 करोड़ रुपये) जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) द्वारा 0.1% की कम ब्याज दर पर वित्त पोषित है. केंद्र सरकार 10,000 करोड़ रुपये, जबकि गुजरात और महाराष्ट्र सरकारें प्रत्येक 5,000 करोड़ रुपये का योगदान दे रही हैं. परियोजना में 12 स्टेशन होंगे, जिनमें मुंबई का बीकेसी स्टेशन भूमिगत होगा, जबकि अन्य स्टेशन ऊंचे होंगे.
सियासी और सामाजिक प्रभाव
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना न केवल रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी, बल्कि यह मुंबई, ठाणे, वापी, सूरत, आणंद, वडोदरा और अहमदाबाद जैसे शहरों की अर्थव्यवस्थाओं को एकीकृत करेगी. वैष्णव ने इसे अर्थव्यवस्थाओं को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जिससे लोग सुबह सूरत में नाश्ता कर, मुंबई में काम पूरा कर और रात को अपने परिवार के साथ वापस लौट सकेंगे. यह परियोजना भारत में हाई-स्पीड रेल यात्रा के युग की शुरुआत करेगी.
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