Margashirsha Amavasya 2023: साल की आखिरी अमावस्या कब ? जानें तारीख, मुहूर्त और महत्व

Margashirsha Amavasya 2023
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Margashirsha Amavasya 2023: 28 नवंबर 2023, मंगलवार से मार्गशीर्ष का महीना शुरू हो गया है. मार्गशीर्ष के महीने में तीर्थ स्नान करना बेहद लाभकारी माना जाता है खासतौर से पूर्णिमा और अमावस्या के दिन पर तीर्थ स्नान करने का महत्व अधिक है. मान्यता है कि अमावस्या पर किया गया दान समस्त मनोकामना की पूर्ति करता है. मार्गशीर्ष अमावस्या को भी पूर्वजों के पूजन का दिन माना गया है.

माना जाता है कि इस दिन तर्पण, पिंडदान करने से आपके पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है. साथ ही मोक्ष की भी प्राप्ति होती है. मार्गशीर्ष अमावस्या साल 2023 की आखिरी अमावस्या होगी. आइए जानते हैं मार्गशीर्ष अमावस्या की डेट, मुहूर्त और इसका महत्व.

मार्गशीर्ष अमावस्या 2023 की तारीख (Margashirsha Amavasya 2023 Date)

12 दिसंबर 2023 को मार्गशीर्ष अमावस्या है. इस दिन मंगलवार होने से ये भौमवती अमावस्या कहलाएगी. कहते हैं मंगलवारी अमावस्या के दिन पितरों का पूजन करने से मनुष्य पितृ ऋण से मुक्त हो जाता है. इस दिन पितृ पूजा के साथ हनुमान जी और मंगल देवता की उपासना से मंगल ग्रह से पैदा हुए दोष भी दूर हो जाते हैं.

मार्गशीर्ष अमावस्या 2023 मुहूर्त (Margashirsha Amavasya 2023 Muhurat)

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या 12 दिसंबर 2023 को सुबह 06 बजकर 24 मिनट से शुरू होगी और ये 13 दिसंबर 2023 को सुबह 05 बजकर 01 मिनट तक रहेगी.

  • स्नान मुहूर्त – सुबह 05.14 – सुबह 06.09
  • पितृ पूजा  – सुबह 11.54 – दोपहर 12.35

मार्गशीर्ष अमावस्या महत्व (Margashirsha Amavasya Significance)

धर्म ग्रंथों के अनुसार सत युग में देवों ने मार्ग-शीर्ष मास की पहली तिथि को ही साल का प्रारम्भ किया था. विष्णु पुराण के अनुसार इस अमावस्या पर व्रत, स्नान-दान करने से पितृ गण के साथ ब्रह्मा, इंद्र, सूर्य, अग्नि, पशु-पक्षी और समस्त भूत प्राणी भी तृप्त होकर खुश होते हैं. मान्यता है जिस प्रकार कार्तिक मास की अमावस्या को लक्ष्मीजी का पूजन कर दीपावली मनाई जाती है, उसी प्रकार इस दिन भी देवी लक्ष्मी का पूजन करना बेहद शुभ माना गया है.

मार्गशीर्ष अमावस्या के लाभ (Margashirsha Amavasya Puja Benefits)

जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष, संतान सुख की कमी या राहु नवम भाव में नीच का होता है, उन्हें मार्गशीर्ष अमावस्या का व्रत अवश्य करना चाहिए. इससे आर्थिक, मानसिक और शारीरिक रूप से आपको लाभ मिलेगा. साथ ही इस अमावस्या पर तुलसी की जड़ से स्नान करना भी उचित माना गया है. इससे भगवान श्रीकृष्ण बेहद प्रसन्न होते हैं.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना और जानकारी सिर्फ मान्यताओं पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि HindiKhabar.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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