Madhya Pradesh: 24 घंटे तक जिंदगी की लड़ाई लड़ता रहा मासूम, अस्पताल में हुई मौत

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Madhya Pradesh: एमपी के विदिशा में बोरवेल के गड्ढे में गिरे आठ साल के लोकेश को निकाल लिया गया है। पूरे 24 घंटे बाद 8 साल के मासूम को बोरवेल से बाहर निकाला गया। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की 31 टीम ने 24 घंटे तक मशक्कत कर बच्चे को बचाने की कोशिश की गई। लेकिन जब मासूम को एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाजे के दौरान बच्चे की मौत हो गई। मामले की सूचना मिलने पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शोक व्यक्त करते हुए परिवार को चार लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है।
जानें कैसे हुई घटना Madhya Pradesh
विदिशा जिले के खेरखेरी पठार गांव में बंदरों का पीछा करते हुए आठ साल का लोकेश कच्चे बोरवेल में गिर गया था। बोरवेल की गहराई करीब 60 फीट के करीब थी। जबकि मासूम लोकेश 43 फीट गहराई में फंसा हुआ था। सूचना मिलने के बाद से पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मंगलवार सुबह 11.30 बजे से रेस्क्यू में जुटी थीं। लेकिन 24 घंटे बाद जब बच्चे को निकालकर अस्पताल ले जाया गया तब आईसीयू में उसकी मौत हो गई।
24 घंटे की मशक्कत के बाद बच्चे को निकाला गया Madhya Pradesh
बच्चे को निकालने में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने काफी मशक्कत की । रात भर खुदाई कर बोर के पास एक जैसा ही 45 फीट गड्ढा खोदा गया। फिर एक सुरंग बनाई गई। मौके पर मौजूद एक अधिकारी के मुताबिक शिशु विशेषज्ञ डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को सुरंग के अंदर बुला लिया गया था। सुरंग से निकालने के बाद बच्चे को ऑक्सीजन सपोर्ट देकर लटेरी अस्पताल ले जाया गया था।
मौके पर मौजूद रहे कलेक्टर-एसपी
विदिशा के एएसपी समीर यादव ने बताया कि 8 साल का मासूम 43 फीट पर बोरवेल में फंस गया था। सूचना मिलने पर एसडीआरएफ की 3 और एनडीआरएफ की 1 टीम मौके पर पहुंची थीं। बच्चे की अच्छे तरह से निगरानी कर ऑक्सीजन की सप्लाई भी कराई गई थी। यह घटना मंगलवार को सुबह करीब 11 बजे हुई थी और काफी कोशिशों के बाद बुधवार साढ़े 11 बजे बच्चे को निकाला जा सका। लेकिन अस्पताल में मासूम की मौत हो गई जिससे पूरे मेहनत पर पानी फिर गया। विदिशा कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने बच्चे की मौत की पुष्टि की है।
सीएम शिवराज ने मौत पर शोक व्यक्त किया
मामले की सूचना मिलने पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Madhya Pradesh Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने बच्चे की मौत पर शोक व्यक्त किया है। साथ ही परिवार को चार लाख का मुआवजा देने की घोषणा भी की है। कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने दोषियों पर तत्काल कार्रवाई किए जाने की बात भी कही।
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