खतरनाक गेम खेल रहा है हिज़बुल्लाह- इजरायल

लेफ्टिनेंट कर्नल जोनाथन कॉनरिकस, अंतरराष्ट्रीय मीडिया के लिए इसराइली सेना के प्रवक्ता
Israel on Hijbullah: इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष हर गुजरते दिन के साथ गहराता जा रहा है. इजरायल के मुताबिक हिज़बुल्लाह ख़तरनाक गेम खेल रहा है.
इजरायल डिफेंस फोर्सेज के प्रवक्ता जोनाथन कॉनरिकस ने रविवार सुबह, इजरायल की उत्तरी सीमा पर चल रहे अभियान के बारे में जानकारी साझा की.
Israel on Hijbullah: कहीं संघर्ष में न बदल जाए तनाव
उन्होंने कहा, “हिज़बुल्लाह बहुत ही खतरनाक खेल खेल रहा है. वो स्थिति को और बिगाड़ रहा है, क्योंकि हर गुजरते दिन के साथ हमले बढ़ रहे हैं.” जोनाथन ने आगे कहा कि इजरायल केवल अपना बचाव कर रहा है. क्योंकि अगर इजरायल अपना बचाव नहीं कर पाता है तो इससे इजरायल का ही नुकसान होगा. अपने बचाव के लिए इजरायल ज़रूरी कदम उठा रहा है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तरी इजरायल में लेबनान की सीमा के नजदीक से लोगों को निकाल लिया गया है. क्योंकि पिछले कुछ दिनों में इजरायल और लेबनान की सीमा पर सशस्त्र आतंकियों और इजरायली सेना के बीच बार-बार गोलीबारी की घटनाएं सामने आ रही हैं.
इसकी वजह से इजरायल के साथ लगने वाली लेबनान सीमा पर तनाव लगातार बढ़ा है. आशंकाएं हैं कि ये तनाव एक बड़े संघर्ष में बदल सकता है.
हिज़बुल्लाह संगठन
हिज़बुल्लाह लेबनान में ईरान से समर्थन प्राप्त एक शिया इस्लामी राजनीतिक पार्टी और अर्द्धसैनिक संगठन है, जो हमास का समर्थन करता है.
साल 1992 से इसकी अगुवाई हसन नसरुल्लाह कर रहे हैं. इस नाम का अर्थ है अल्लाह का दल.

ईरान की वित्तीय और सैन्य सहायत से हुआ हिज़बुल्लाह का जन्म
1980 के दशक की शुरुआत में लेबनान पर इजरायली कब्ज़ें के दौरान ईरान की वित्तीय और सैन्य सहायता से हिज़बुल्लाह का जन्म हुआ. ये दक्षिणी लेबनान में पारंपरिक रूप से कमज़ोर शियाओं की रक्षा करने वाली ताक़त के रूप में उभरा.
शिया का पुनरुत्थान
हालांकि, इसकी वैचारिक जड़ें 1960 और 1970 के दशक में लेबनान में शिया पुनरुत्थान तक जाती हैं.
वर्ष 2000 में इजरायल के पीछे हटने के बाद हिज़बुल्लाह ने अपनी सैन्य टुकड़ी इस्लामिक रेज़िस्टेंस को मज़बूत करना जारी रखा.
कैबिनेट में मिली वीटो शक्ति
ये समूह रेज़िस्टेंस ब्लॉक पार्टी के प्रति अपनी वफ़ादारी के चलते धीरे-धीरे लेबनान की राजनीतिक व्यवस्था में इतना महत्वपूर्ण बन गया कि इसे देश की कैबिनेट में वीटो शक्ति तक हासिल कर ली.
हिज़बुल्लाह पर वर्षों से इजरायली और अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए बमबारी और षड्यंत्र रचने का आरोप लगता रहा है. पश्चिमी देश, इजरायल, अरब खाड़ी देशों और अरब लीग हिज़बुल्लाह को ‘आतंकवादी’ संगठन मानते हैं.