
नई दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली में जेनेरिक दवाओं के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा। जिसके लिए दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने इन दवाओं की उपलब्धता और इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए तमाम कदम उठाए हैं। जानकारी के अनुसार बता दें कि दिल्ली सरकार ने सभी केमिस्ट (chemist) से कहा है कि वे अपनी दुकान के बाहर एक बोर्ड लगाएंगे, जिसमें जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता के बारे में लिखा होगा।
मालूम हो कि इस संबंध में दिल्ली सरकार की ड्रग्स नियंत्रण इकाई (Drugs Control Unit) की तरफ से एक आदेश जारी किया गया है। इस आदेश में बताया गया है कि 15 मार्च 2022 को हुई बैठक में जेनेरिक दवाओं के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का फैसला लिया गया है। आपको बता दें कि जेनेरिक दवा वह होती है जो पहले से ही बाजार में उपलब्ध होती है। इसे पहले से ही बाजार में बिकने वाली ब्रांड-नाम वाली दवा के जैसे ही बनाया जाता है।
जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता बढ़ा रही दिल्ली सरकार
इसके साथ ही यह दवा की शक्ति, खुराक का रूप, सुरक्षा, प्रदर्शन, गुणवत्ता और अन्य विशेषताओं में एक जैसी ही होती हैं। इस बीच, उदाहरण के लिए पैरासिटामोल (paracetamol) एक दवा का सामान्य नाम है। जबकि क्रोसिन (Crocin) इसका ब्रांड का नाम है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत जेनेरिक दवाओं का प्रमुख उत्पादक है। यहां बनी जेनेरिक दवाएं 150 देशों में निर्यात की जाती हैं, जो कि आम दवाओं की तुलना में सस्ती होती हैं।
दिल्ली सरकार ने जारी किया आदेश
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि भारत जेनेरिक दवाओं का बड़ा उत्पादक देश है। उधर दिल्ली की विभिन्न केमिस्ट एसोसिएशन ने जानकारी दी है कि उनसे कहा गया है कि वे सभी सदस्यों से कह दें कि अपनी दुकानों के बाहर वे ‘जेनेरिक दवाएं उपलब्ध हैं’ का बोर्ड लगा लें। इस आदेश पर ड्रग्स कंट्रोल ऑफिसर डॉ. अतुल कुमार नासा के हस्ताक्षर हैं। दरअसल दिल्ली सरकार ने नॉन ब्रांडेड मेडिसिन को प्रमोट करने का फैसला लिया है।