Chhattisgarh News: नवा रायपुर में नाराज कर्मियों ने जताया आक्रोश, धरना स्थल में पीने के पानी को तरसे

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रदेशभर से कर्मचारी पहुंचे हैं। रविवार को नवा रायपुर में आक्रोश सभा का आयोजन किया गया। अनियमित कर्मचारी मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने जमकर विरोध जताया। इस सभा के जरिए तहसीलदार को सरकार के नाम ज्ञापन सौंपकर पूछा गया कि हमें नियमित आखिर कब किया जाएगा। यह गुस्सा नियमित नहीं किए जाने की वजह से है। दरअसल हाल ही में सरकार ने अपने बजट सत्र में भी अनियमित कर्मचारियों के लिए किसी तरह का प्रावधान नहीं किया। इसी वजह से संगठन नाराज हैं और अपना विरोध राजधानी पहुंच कर जता रहे हैं।
इस आक्रोश सभा के दौरान कर्मचारी मोर्चा के प्रांतीय संयोजक गोपाल प्रसाद साहू ने कहा कि कर्मचारियों को बड़ी उम्मीद थी क्योंकि 10 दिन के भीतर ही नियमित करने का वादा कांग्रेस ने किया था। यह भी कहा गया था कि किसी की छंटनी नहीं होगी मगर लगातार दैनिक वेतन भोगी संविदा और अनियमित कर्मचारियों को हटाया जा रहा है और 4 साल बीतने के बाद भी नियमितीकरण का कुछ अता पता नहीं है।
वीरान जगह पर धरना स्थल परेशानी ही परेशानी
नवा रायपुर के राज्योत्सव स्थल के ठीक सामने यह स्थल बनाया गया है, जहां बड़ी संख्या में पहुंचने वाले प्रदर्शनकारियों को प्रशासन ने धरना देने के लिए जगह दी है। मगर इस वीरान जगह पर कई तरह की परेशानियां हैं। यहां पीने के पानी की समस्या है, इस पर संगठन के नेताओं के मुताबिक ‘हम प्रशासन के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, इसलिए हमें जान बूझकर यहां भेज दिया गया है । जबकि धरना स्थल को रायपुर के पुराने स्थल पर ही रखा जाना चाहिए था । उस जगह को व्यवस्थित किया जाना चाहिए था’।
धरना स्थल में पीने के पानी को तरसे
दरअसल बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल से बड़े विरोध प्रदर्शनों की अनुमति नहीं दी जा रही है। इस वजह से राज्योत्सव स्थल के ठीक सामने इस तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं और सुनसान जगह पर भीड़ जुटने से बुनियादी समस्याएं आ रही है। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि प्रशासन पीने के पानी का भी बंदोबस्त करेगा। मगर धरना स्थल पर खड़े खाली टैंकर अव्यवस्था की कहानी कह रहे थे।
आगे बड़े आंदोलन की तैयारी
अनियमित कर्मचारी मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि आने वाले दिनों में बड़े आंदोलन की तैयारी संगठन कर रहा है। प्रदेश के अलग-अलग 40 से ज्यादा कर्मचारी संगठन आने वाले दिनों में अनिश्चितकालीन हड़ताल, अनशन जैसे आंदोलन प्रदेश के हर जिले में करने जा रहे हैं। सभी की मांग एक है कि उन्हें नियमित किया जाए।
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