
ट्रांसजेंडर कम्युनिटी बिहार में हो रही जातिगत जनगणना को भेदभाव वाला बताते हुए पटना हाई कोर्ट पहुंच गई है। ट्रांसजेंडर लोगों की तरफ से कोर्ट में जनहित याचिका दायर करते हुए सोशल एक्टिविस्ट रेशमा प्रसाद ने इसे राजनीतिक करार दिया। बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर दूसरा चरण शनिवार से शुरू हुआ है, जो कि 15 मई तक चलेगा। इसमें थर्ड जेंडर के लिए 22 नंबर आवंटित किया गया है। इसको लेकर पीआईएस में कहा गया कि ट्रांसजेंडर को इसमें जाति बता देना गलत है।
रेशमा प्रसाद ने कहा, ”मैं जातिगत जनगणना की पूरी प्रक्रिया को गलत नहीं कह रही लेकिन ट्रांसजेंडर कम्युनिटी को एक कास्ट में कर देना बिल्कुल गलत है। अंतर्राष्ट्रीय गाइडलाइन और एनएलएसए बनाम यूनियन ऑफ इंडिया ने हमें लैंगिक पहचान दी है ना कि जातिगत पहचान। बिहार के अलावा किसी और देश या राज्य ने ऐसा नहीं किया है. यह निंदनीय है।