
Thomas Cup: लक्ष्य सेन, किदांबी श्रीकांत और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की युगल जोड़ी ने रच दिया इतिहास क्योंकि भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने इंडोनेशिया को 3-0 से हराकर अपना पहला थॉमस कप जीतकर गोल्ड मेडल जीत लिया है। भारत ने टूर्नामेंट में अपना मजबूत प्रदर्शन जारी रखा और टूर्नामेंट की अब तक की सबसे सफल टीम को क्लीन स्वीप करते हुए पहला थॉमस कप खिताब अपने नाम किया। इस बार फाइनल में 14 बार की रिकॉर्ड चैम्पियन इंडोनेशिया को शिकस्त देकर लक्ष्य एंड टीम ने इतिहास रच दिया है।
क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में हार के साथ फाइनल में आने वाले लक्ष्य सेन ने एंथनी गिंटिंग के खिलाफ जीत के साथ भारत का नाम ऊंचा कर दिया। केविन सुकामुल्जो और मोहम्मद अहसान के खिलाफ पहला गेम हारने के बाद चिराग और सात्विक ने खुद को एक समान नाव में पाया। लेकिन लक्ष्य और सात्विक-चिराग दोनों ने दूसरे गेम में जोरदार वापसी करते हुए मैच को निर्णायक बना दिया जहां भारतीय शटलरों ने तीनों मैचों में अपने विरोधियों को किनारे कर दिया। लक्ष्य ने 8-21, 21-17 और 21-16 से जीत हासिल की, जबकि सात्विक और चिराग ने 18-21, 23-21, 21-19 से मैच जीता।
भारत ने इंडोनेशियाई दल को 3-0 से मात दी। टीम ने 73 साल में पहली बार थॉमस कप जीता, वो भी उस इंडोनेशिया को हराकर, जिसने 14 बार इस खिताब को हासिल किया है। भारत थॉमस कप खिताब जीतने वाला छठा देश बना है। भारत की तरफ से लक्ष्य सेन, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी व किदांबी श्रीकांत ने मैच जीतकर भारत को चैंपियन बनाया।
वहीं अगर हम बैडमिंटन की बात करें तो सबसे पहले सायना नेहवाल (Saina Nehwal), पी वी सिंधू (P V Sindhu), पुलेला गोपीचंद (Pullela Gopichand) जैसे दिग्गजों का ही नाम याद आता है। इन सब सूरमाओं के बीच एक और नाम जुड़ गया है। अब हर बैडमिंट प्रेमी और खेल प्रेमी की जुबान पर भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम में एक नाम मुंह में आएगा, वो नाम है लक्ष्य सेन (Lakshya Sen)। लक्ष्य सेन ने सिर्फ 20 साल की उम्र में इतिहास रच दिया।