
अक्षय तृतीया हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैशाख के महीने में शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन पड़ता है। आज अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन किसी भी नए काम को करने के लिए किसी भी पंचांग को देखने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती है।
आज आप किसी भी समय कोई भी शुभ एवं मांगलिक कार्य कर सकते हैं। नए बिजनेस की शुरुआत हो या करियर की, इसके लिए शुभ मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं है।
अक्षय तृतीया का महत्व
धार्मिक मान्यता अनुसार अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम का जन्म हुआ था। अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान कृष्ण की वजह से द्रौपदी को अक्षय कलश की प्राप्ति हुई थी। अक्षय तृतीया के दिन ही राजा जनक को माता सीता हल जोतते वक्त कलश में मिली थीं। इतना ही नहीं इसी दिन सागर मंथन की शुरुआत भी हुई थी और उसमें से निकलने वाला अमृत कलश पात्र में भी भरा था। कहते हैं कि कलश में 33 हजार करोड़ देवी- देविताओं का वास होता है। इसलिए अक्षय तृतीया के दिन कलश पूजन का विशेष महत्व होता है।
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अक्षय तृतीया 2022 पूजा मुहूर्त
इस साल अक्षय तृतीया पर पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 39 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक है। इस अवधि में आपको भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी स्वरुप सोना-चांदी और पितरों की पूजा करनी चाहिए। पूरे दिन में कभी भी सोना, चांदी, आभूषण या अन्य धातु की खरीदारी कर सकते हैं।
जो व्यक्ति आज विधि विधान से लक्ष्मी जी की और भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसको पूरे साल रुपये पैसे की कमी नहीं होता है और वो हमेशा खुशहाल रहता है। इस शुभ मुहूर्त में आप सारे मांगलिक कार्य मुंडन, गृह प्रवेश, विवाह या नया कारोबार से संबंधित कोई भी कार्य शुरू कर सकते हैं।
क्षय तृतीया पर दान पुण्य
अक्षय तृतीया के दिन को धार्मिक शास्त्रों में बेहद शुभ माना गया है। इस दिन दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। अक्षय तृतीया के दिन जौ, गेहूं, चना, दही, चावल, फल और अनाज का दान करना चाहिए। इस बार अक्षय तृतीया 3 मई को मनाया जाएगा।
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