Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश में नक्सलियों का प्रभाव तेजी से खत्म होता दिख रहा है. बालाघाट जिले में बीते गुरुवार (11 दिसंबर) की रात दो कुख्यात नक्सली दीपक और रोहित ने कोरका स्थित सीआरपीएफ कैंप में सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. दोनों पर 43 लाख रुपये का इनाम घोषित था. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस सरेंडर को राज्य के लिए बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि अब मध्य प्रदेश अब नक्सल आतंक से मुक्त होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.
बता दें कि पालागोंदी के रहने वाले नक्सली दीपक पर 29 लाख और रोहित पर 14 लाख रुपये का इनाम घोषित था. दोनों काफी समय से नक्सल संगठनों से जुडे थे और सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती बने हुए थे. सीआरपीएफ और जिला पुलिस की लगातार कार्रवाई और बढ़ते दबाव के कारण उन्होंने हथियार छोड़कर सामान्य जीवन में लौटने का फैसला किया.
सुरक्षा एजेंसियों ने बताया बड़ी सफलता
कोरका स्थित सीआरपीएफ कैंप में पहुंचे दीपक और रोहित ने अधिकारीयों के सामने औपचारिक रूप से अपने हथियार सौंपते हुए हिंसा छोड़ने की इच्छा जताई. अधिकारियों ने बताया कि सरेंडर के बाद दोनों को पुनर्वास योजनाओं का लाभ दिया जाएगा. आईजी बालाघाट संजय कुमार सिंह ने इसे सुरक्षा एजेंसियों की रणनीतिक सफलता बताते हुए कहा कि यह अभियान भविष्य के लिए बड़ा संदेश है.
सरकार ने तेज विकास का रोडमैप रखा
सीएम डॉ. मोहन यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों और जवानों को बधाई देते हुए कहा कि बालाघाट अब नक्सल गतिविधियों से पूरी तरह मुक्त हो चुका है. उन्होंने कहा कि नक्सलवाद ने लंबे समय तक इस क्षेत्र के विकास को रोक रखा था, लेकिन अब सरकार तेज गति से कम कर रही है ताकि यहां स्थायी शांति और प्रगति सुनिश्चित की जा सके. मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि संयुक्त प्रयासों के चलते नक्सलवाद भविष्य में दोबारा सिर उठा पाएगा.
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