
फटाफट पढ़ें
- CM मोहन यादव ने वाल्मीकि जयंती सम्मेलन संबोधित किया
- रामायण को जीवन का मूल्यवान दर्शन बताया गया
- वाल्मीकि ने समाज में संस्कार और समरसता सिखाई
- लेखनी ने रामराज्य को अमर और समाज जोड़ा
- आदर्शों पर चलकर समानता और प्रेम फैलाने की प्रेरणा दी
CM Mohan Yadav : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल में महर्षि वाल्मीकि जयंती प्रकटोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित ‘समरसता सम्मेलन’ को सम्बोधित करते हुए कहा कि रामायण केवल कथा नहीं, बल्कि जीवन का दर्शन है. महर्षि वाल्मीकि जी की वाणी से जो रामायण निकली, वह केवल ग्रंथ नहीं, बल्कि भारत की आत्मा है.
महर्षि वाल्मीकि जी ने भगवान श्रीराम के जीवन प्रसंगों को घर-घर तक पहुँचाने का कार्य किया. यदि महर्षि वाल्मीकि जी ने रामायण न लिखी होती, तो आज हम रामराज्य की घटनाओं को इतनी जीवंतता से नहीं जान पाते. वाल्मीकि जी ने केवल ग्रंथ नहीं रचा, बल्कि समाज को संस्कार और समरसता की शिक्षा दी. उनके जीवन से यह संदेश मिलता है कि कोई ऊँचा-नीचा नहीं होता, यही सामाजिक समरसता का सच्चा भाव है.
समाज को जोड़ने का कार्य किया
महर्षि वाल्मीकि जी की लेखनी ने रामराज्य को अमर बना दिया. जैसे आज मीडिया समाज को जोड़ता है, वैसे ही महर्षि वाल्मीकि जी ने अपने समय में पूरी मानवता को जोड़ने का कार्य किया. उन्होंने यह भी सिद्ध किया कि समाज में कोई व्यक्ति जन्म से नहीं, बल्कि कर्म से महान होता है.
संत परंपरा हमारी सबसे बड़ी शक्ति है. हमने भगवान को नहीं देखा, लेकिन संतों के जीवन में भगवान के दर्शन होते हैं. वाल्मीकि समाज ने देश को स्वच्छता, सेवा और समरसता की अमूल्य परंपरा दी है, जो सच्चा राष्ट्र निर्माण है. सभी को महर्षि वाल्मीकि जी के आदर्शों पर चलकर समाज में समानता, एकता और प्रेम का दीप जलाना चाहिए.
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