Madhya Pradesh

जानलेवा कफ सिरप मामले में CM मोहन यादव का बड़ा एक्शन : डॉक्टर प्रवीण सोनी सस्पेंड

फटाफट पढ़ें

  • जहरीले कफ सिरप से 10 बच्चों की मौत
  • डॉक्टर प्रवीण सोनी पर लापरवाही का आरोप
  • कफ सिरप में खतरनाक विषैले रसायन पाए गए
  • निर्माता कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई
  • सरकार ने कोल्ड्रिफ सिरप पर तुरंत प्रतिबंध लगाया

Coldrif Cough Syrup Case : मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया में जहरीले कफ सिरप पीने से दस बच्चों की मौत के मामले में आरोपी शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालाय ने जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर डॉ. प्रवीण सोनी पर शिशुओं के इलाज में लापरवाही बरतने के चलते यह कार्रवाई की गई है. निलंबन के बाद उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं, क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर में अटैच कर दिया गया है.

दवा कंपनी पर गंभीर धाराओं में मामला दर्ज

इस मामले में एसपी अजय पांडे ने बताया कि बीएमओ की रिपोर्ट के आधार पर 105 BNS, 276 BNS और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट की धारा 27(ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है. सबसे ज्यादा बच्चों का इलाज डॉ. प्रवीण सोनी द्वारा किया गया था. उन्होंने कोल्ड्रिफ दवा लिखी थी, इसी आधार पर उन्हें इस मामले में आरोपी बनाया गया है. तमिलनाडु की निर्माता कंपनी श्रेसन फार्मास्युटिकल्स को भी इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है, फिलहाल डॉक्टर पुलिस के हिरासत में है.

कफ सिरप में जहरीले रसायन से बच्चों की मौत

आपको बता दें कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए डॉ. प्रवीन सोनी को छिंदवाड़ा के राजपाल चौक से हिरासत में ले लिया. डॉ. सोनी सरकारी अस्पताल में पदस्थ हैं, लेकिन उन्होंने नियमों की अनदेखी करते हुए अपने निजी क्लीनिक में वही कफ सिरफ मरीजों को प्रिस्क्राइब कर रहे थे, जिसके पीने से बच्चों की जान चली गई. प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि कफ सिरप में जहरीले केमिकल थे. इस मिलावट से बच्चों को गंभीर रिएक्शन हुए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. डॉक्टर प्रवीन सोनी पर आरोप है कि उन्होंने बिना पूरी जांच के इस सिरप को कई बच्चों को लिख दिया था.

कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर बैन लगा दिया

घटना के बाद जब कफ सिरप की जांच की गई, तो उसमें डायएथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा निर्धारित सीमा से कहीं अधिक पाई गई. आमतौर पर इस रसायन की मात्रा 0.10 प्रतिशत तक होनी चाहिए, लेकिन जांच में यह मात्रा 48 प्रतिशत मिला, जो मानक से लगभग 480 गुना अधिक है. डायएथिलीन ग्लाइकोल एक विषैला पदार्थ है, जिसकी अधिक मात्रा से शरीर में गंभीर नुकसान हो सकता है. इस वजह से सरकार ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर बैन लगा दिया.

यह भी पढ़ें : भारत-चीन संबंधों को मिलेगी नई उड़ान: अक्टूबर से फिर शुरू होंगी सीधी फ्लाइट्स, विदेश मंत्रालय ने की पुष्टि

Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र,  बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप

Related Articles

Back to top button