
CG News : छत्तीसगढ़ के बीजापुर और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सुरक्षा बलों के साथ हुई अलग-अलग मुठभेड़ों में चार माओवादियों की मौत हुई है. बीजापुर में बुधवार दोपहर शुरू हुई मुठभेड़ में दो माओवादियों के शव बरामद किए गए हैं. साथ ही, वहां से 303 राइफल, बीजीएल लांचर और विस्फोटक सामग्री भी जब्त की गई है. गढ़चिरौली में हुई मुठभेड़ के बाद भी दो माओवादियों के शव मिले हैं. पुलिस अब तक चारों माओवादियों की पहचान करने में लगी हुई है.
1500 से अधिक माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण
इसी बीच छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में बुधवार को 12 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया. इनमें पांच-पांच लाख रुपये के इनामी माडवी आयतु और माडवी देवा प्रमुख भी शामिल हैं. इसके अलावा तीन लाख के इनामी कमली और दो लाख के इनामी माडवी हिडमा ने भी समर्पण किया है. इस साल अब तक नारायणपुर में कुल 177 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं. पिछले एक साल के भीतर राज्य में चार केंद्रीय समिति सदस्य सहित 463 से अधिक माओवादी मारे गए हैं, जबकि 1500 से ज्यादा ने आत्मसमर्पण किया है.
हिंसा लगातार जारी, मुखबिरी के शक में दो ग्रामीणों की हत्या
हालांकि, माओवादी हिंसा लगातार जारी है. दंतेवाड़ा और बीजापुर में माओवादी कार्यकर्ताओं ने पुलिस के मुखबिर होने के शक में दो ग्रामीणों की हत्या कर दी. बीजापुर के जांगला थाना क्षेत्र के बेंचरम गांव में दशरू राम ओयाम की हत्या हुई, जबकि दंतेवाड़ा के अरनपुर थाना क्षेत्र के वंड़ी कोर्राम को भी माओवादियों ने मार दिया. चार साल पहले माओवादियों ने वंडी के बेटे हरेंद्र की हत्या की थी. इस साल माओवादी हिंसा में कम से कम छह शिक्षक और बस्तर संभाग में करीब 25 अन्य लोग भी मारे गए हैं. पिछले साल भी यहां माओवादी हमलों में 68 नागरिकों की मौत हुई थी.
माओवादी संगठन ने हिंसा छोड़ने की जताई थी इच्छा
माओवादी संगठन ने हाल ही में एक पत्र के माध्यम से फिर से हथियार छोड़कर शांति वार्ता करने की इच्छा जताई है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे अस्वीकार करते हुए स्पष्ट किया है कि माओवादी केवल आत्मसमर्पण के बाद ही मुख्यधारा में लौट सकते हैं. उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि शांति वार्ता का कोई प्रश्न नहीं है. केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां भी इस प्रस्ताव को माओवादियों की चाल मान रही हैं. उनका मानना है कि संगठन के खात्मे के करीब पहुंचने के कारण वे किसी भी ऐसी पहल में फंसना नहीं चाहते.
15 अगस्त को माओवादी प्रवक्ता अभय द्वारा भेजे गए पत्र को संदिग्ध माना जा रहा है. केंद्रीय एजेंसियों के अनुसार पत्र की शैली, फोटो और ईमेल आईडी संदिग्ध प्रतीत होती है. यह शांति वार्ता की अपील माओवादी संगठन द्वारा पिछले 10 महीनों में सातवीं बार की गई है.
मध्यप्रदेश में भी आतंक, बालाघाट में ग्रामीण का अपहरण
वहीं, मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में भी माओवादियों ने पुलिस के मुखबिर होने के संदेह में देवेंद्र यादव नाम के एक ग्रामीण का अपहरण कर लिया है. पुलिस ने उसके लिए सर्च अभियान शुरू कर दिया है. इस दौरान जंगल के पास गोली चलने की आवाज़ सुनी गई और कुछ ग्रामीणों ने शव देखने का दावा किया है, लेकिन देर रात तक पुलिस को कोई शव नहीं मिला. इस क्षेत्र में एक माओवादी पर्चा भी बरामद हुआ है.
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