Madhya Pradesh

पांढुर्ना के गोटमार मेले में 400 घायल, 5 की हालत गंभीर, जानिए क्या है यह जोखिम भरा उत्सव

फटाफट पढ़ें

  • पांढुर्ना के गोटमार मेले में 400 से ज्यादा लोग घायल हुए
  • पांच की हालत गंभीर, दो को नागपुर रेफर किया गया
  • 300 साल पुरानी परंपरा में दोनों गांव करते हैं पत्थरबाजी
  • पुलिस ने ड्रोन निगरानी और हथियारों पर पाबंदी लगाई
  • सुरक्षा के बावजूद परंपरा की सुरक्षा पर उठे सवाल

Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश के पांढुर्ना में गोटमार उत्सव के दौरान पथराव में 400 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें पांच की हालत गंभीर है. पुलिस की निगरानी के बावजूद दो घायलों को नागपुर रेफर किया गया.

मध्य प्रदेश के पांढुर्ना जिले में हर साल मनाया जाने वाला गोटमार उत्सव शनिवार, 23 अगस्त को आयोजित हुआ. जिसमें दो गांवों के लोग नदी के दोनों किनारों से एक दूसरे पर परंपरागत रूप से पत्थर बरसाते हैं. यह अनोखा उत्सव एक रिवायत बन चुका है, लेकिन इस बार की गोटमार में कई लोग घायल हो गए.

गोटमार में पथराव से 400 लोग घायल

इस परंपरागत मेले के दौरान पथराव में 400 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें पांच की हालत गंभीर बताई जा रही है. अधिकारियों के अनुसार, दो घायलों को बेहतर इलाज के लिए नागपुर रेफर किया गया.

पांढुर्ना और सावरगांव के बीच लगभग 300 साल पुरानी यह परंपरा अनोखे पथराव उत्सव के लिए जानी जाती है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह मेला देवी चंडिका की पूजा के साथ शुरू होता है. इसके बाद दोनों गांवों के लोग जाम नदी के किनारों पर आमने-सामने खड़े होकर एक-दूसरे पर पत्थर फेंकते हैं.

पुरानी मान्यता से जुड़ा है गोटमार उत्सव का इतिहास

मान्यता के अनुसार, एक युवक ने सावरगांव की लड़की का अपहरण किया था, और उसे बचाने के लिए दोनों गांवों में संघर्ष हुआ. उत्सव के दौरान नदी के बीच लगे पेड़ पर झंडा छीनने की होड़ लगती है, जबकि दोनों ओर से पत्थरबाजी की जाती है.

इस साल गोटमार उत्सव की निगरानी ड्रोन कैमरों से की गई. पुलिस ने गुलेल, हथियार और शराब के इस्तेमाल पर रोक लगाई थी. 500 से अधिक पुलिसकर्मी और 10 एम्बुलेंस मौके पर तैनात की गईं. कई मेडिकल टीम भी पूरे समय सक्रिय रहीं. फिर भी, 400 से ज्यादा लोग घायल हो गए. पुलिस अधीक्षक सुंदर सिंह कनेश ने बताया कि इस बार कोई समूह झंडा हासिल नहीं कर सका और समिति ने आपसी सहमति से कार्यक्रम समाप्त कर दिया.

गोटमार मेले में फिर घायल हुए कई लोग

मध्य प्रदेश का गोटमार मेला एक ऐतिहासिक परंपरा के रूप में जाना जाता है, लेकिन हर साल यह हिंसा और घायल लोगों की वजह से सुर्खियों में रहता है. इस बार भी प्रशासन के सुरक्षा के बावजूद कई लोग घायल हुए. हालांकि, आयोजन बिना किसी गंभीर विवाद के संपन्न हुआ, लेकिन एक बार फिर इस परंपरा की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं.

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