Punjab

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के अनुसार पंजाब पुलिस राज्य को नशामुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध

Chandigarh : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों पर शुरू किए गए “युद्ध नशों विरूद्ध” के हिस्से के रूप में अपनी रणनीति को व्यापक रूप से लागू करने से बड़ी मछलियों के खिलाफ तीव्र हमले में बदलते हुए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने आज सभी पुलिस कमिश्नरों (सीपीज) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपीज) को 7 दिनों के भीतर अपने-अपने जिलों में मुख्य नशा तस्करों/सप्लायरों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं। एक ठोस पत्र के माध्यम से जारी किए गए इन निर्देशों का उद्देश्य राज्य में नशीले पदार्थों के व्यापार को बढ़ाने वाली सप्लाई चेन को योजनाबद्ध तरीके से समाप्त करना है।

यह उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार द्वारा 1 मार्च, 2025 को शुरू किए गए नशे के पूर्ण खात्मे के लिए शुरू किए गए ‘युद्ध नशों विरूद्ध’ के परिणामस्वरूप राज्यभर में 2248 एफआईआर दर्ज कर 3957 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है और उनसे 137.7 किलोग्राम हेरोइन सहित बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थों की बरामदगी की गई है।

नशीले पदार्थों की गली स्तर पर उपलब्धता में काफी कमी आई

डीजीपी ने अपने पत्र में कहा, ‘नागरिकों से फीडबैक और अन्य जानकारी से यह पता चलता है कि हेरोइन और अन्य नशीले पदार्थों की गली स्तर पर उपलब्धता में काफी कमी आई है। हालांकि, नशा तस्करों – गांवों और शहरी मोहल्लों में नशा बेचने वाले व्यक्तियों और सप्लायरों – के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई को सुनिश्चित करते हुए ड्रग कानून के लागूकरन को सुव्यवस्थित और पेशेवर तरीके से जारी रखने की आवश्यकता है।’

डीजीपी गौरव यादव अधिकारियों को दिए निर्देश

डीजीपी गौरव यादव ने सभी सीपीज़ और एसएसपीज़ को निर्देशित किया है कि वे मैपिंग के कार्य की व्यक्तिगत तौर पर निगरानी करते हुए अपने संबंधित अधिकार क्षेत्र में इंटरोगेशन रिपोर्टें, जन सुझावों, गोपनीय जानकारी, ‘सेफ पंजाब’ हेल्पलाइन के डेटा और एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराधीय जांच में सामने आए अगले-पिछले संबंधों के आधार पर नशीले पदार्थों की सप्लाई करने वाले सप्लायरों के विवरण तैयार करके उनकी सूची तैयार करें।

सूची तैयार करने की प्रक्रिया व्यापक होनी चाहिए

यह चेतावनी देते हुए कि नशों के स्रोतों के बारे उचित जानकारी से वंचित और अस्पष्ट दावों को गैर-पेशेवर माना जाएगा, डीजीपी ने सीपीज़/एसएसपीज़ को आदेश दिए कि सूची तैयार करने की यह प्रक्रिया प्रमाण-आधारित और व्यापक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि योग्य मैपिंग नहीं की गयी तो यह माना जाएगा कि आप (सीपीज़/एसएसपीज़) इस संबंध में व्यक्तिगत दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।

सीपीज़/एसएसपीज़ को समय पर रिपोर्टें जमा कराने के निर्देश देते हुए डीजीपी गौरव यादव ने स्पष्ट किया कि इस संबंध में किसी भी कीमत पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि रिपोर्टों के आधार पर नशीले पदार्थों की तस्करी के नेटवर्क के मुख्य सप्लायरों/तस्करों को गिरफ्तार करने के लिए लक्षित कार्रवाइयाँ शुरू की जाएंगी।

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