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RBI का बड़ा फैसला, पांच लाख तक बढ़ाई UPI टैक्स पेमेंट की लिमिट

RBI Decision : RBI ने यूपीआई पेमेंट को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. अब UPI से किए जाने वाले टैक्स पेमेंट की लिमिट को बढ़ाकर एक लाख से पांच लाख कर दिया गया है. वहीं रेपो रेट 6.5 प्रतिशत ही रखा गया है. हम आपको बता दें कि यहां आप किसी कन्फ्यूजन का शिकार न हों. दरअसल बढ़ी हुई लिमिट का फायदा टैक्स पेमेंट में मिलेगा न कि डेली पेमेंट में.

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि केंद्रीय बैंक ने यूपीआई से किए जाने वाले टैक्स पेमेंट की लिमिट (UPI Tax Payment Limit) को बढ़ाया है. इससे क्या फायदा होगा, इसे आसान भाषा में समझिए. अब तक यूपीआई के थ्रू टैक्स पेमेंट की लिमिट एक लाख थी. इससे जिन टैक्सपेयर्स पर टैक्स लायबिलिटी ज्यादा होती थी तो उन्हें NEFT या RTGS का सहारा लेना पड़ता था. अब वो टैक्सपेयर्स अपना टैक्स यदि एक लाख से अधिक भी है तो यूपीआई के थ्रू पेमेंट कर पाएंगे. इससे उन्हें अलग से सर्विस चार्ज भी नहीं देना होगा.

इसका फायदा टैक्सपेयर्स को तो मिलेगा ही. वहीं सरकार के टैक्स कलेक्शन में भी तेजी आएगी. वहीं ट्रांजेक्शन कॉस्ट में भी कमी आएगी. इससे टैक्स पेयर्स का ट्रांजेक्शन चार्ज बचने से उन्हें फायदा होगा. UPI से विभिन्न कैटेगरी के पेमेंट के लिए अलग-अलग लिमिट तय की गई है. UPI को मेंटेन करने वाले नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के अनुसार UPI से सामान्य पेमेंट की लिमिट एक लाख ही रहेगी.

बता दें कि RBI ने दिसंबर 2023 में ही अस्पताल और एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स में होने वाले खर्च की UPI लिमिट को बढ़ाकर पांच लाख कर दिया था. इससे अस्पताल का बिल और एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स का पेमेंट करने में सहूलियत मिली है. वहीं दिसंबर 2021 में ही रिटेल डायरेक्ट स्कीम या IPO में निवेश के लिए UPI की लिमिट 5 लाख रुपए तक कर दी गई थी. कैपिटल मार्केट, कलेक्शंस, इंश्योरेंस, विदेश से पैसे मंगाने आदि की UPI लिमिट 2 लाख रुपए है.

वहीं मीडिया रिपोट्स के अनुसार अब UPI उपभोक्ताओं के लिए एक नया एड-ऑन फीचर भी मिलेगा. इसके तहत उपभोक्ता अपने परिवार के किसी सदस्य के लिए UPI के तहत डेलीगेटेड अकाउंट क्रिएट कर सकेंगे. इससे फायदा यह होगा कि एड होने वाला व्यक्ति उस उपभोक्ता के अकाउंट से एक निश्चित सीमा तक पेमेंट कर सकेगा.

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