Uttarakhand

Uttarkashi: मजदूरों को टनल से बाहर आने में लगेंगे 6-7 दिन, उत्तरकाशी में आज से हल्की ड्रिलिंग शुरू हुई

उत्तरकाशी की सिलक्यारा बरकोट टनल में फंसे 41 कर्मचारियों को अब छह से सात दिन का इंतजार करना पड़ सकता है। रेस्क्यू टीम और कर्मचारियों के बीच 60 मीटर की दूरी है। 21 नवंबर को अमेरिकी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू की गई, लेकिन 25 नवंबर की सुबह करीब 47 मीटर पर मशीन ने जवाब दिया।

मशीन को लोहे के पाइप से टकराने के बाद ड्रिलिंग बंद हो गई। अब 12-13 मीटर की बची हुई खुदाई हाथ से करने की योजना है। हाथ से काम करने में कितना समय लगेगा, कोई नहीं जानता।

ऑगर मशीन को बाहर निकालने की मांग हैदराबाद से की गई है प्लाज्मा कटर का उपयोग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मुश्किल हालात में सरकार पूरी शिद्दत से बचाव कार्य में जुटी है। पाइप में फंसी ऑगर मशीन को काटकर निकाला जाएगा। इसके लिए भी हैदराबाद से प्लाज्मा कटर का अनुरोध किया गया है। CM Dhammi ने कहा कि उन्होंने कम्युनिकेशन सिस्टम के माध्यम से अंदर फंसे लोगों से बातचीत की है। यहाँ फंसे सभी कर्मचारी स्वस्थ हैं। इसमें दुनिया भर के तकनीकी विशेषज्ञों का सहयोग लिया जा रहा है। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी स्थिति पर लगातार निगरानी रखते हैं।

अंदर फंसे मजदूरों को लैंडलाइन के जरिए कराई जाएगी परिजनों से बात

उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान को लेकर BSNL के कर्मचारी कुंदन ने कहा, “सरकार के निर्देश पर यहां एक लैंडलाइन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. इसके लिए तार बिछाने का प्रयास किया जा रहा है. अंदर फंसे मजदूरों को लैंडलाइन (फोन) भेज दिया जाएगा ताकि वे अपने परिवार के सदस्यों से बात कर सकें.”

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