
मध्या प्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना से एक दर्दनाक ख़बर सामने आई है। दरअसल, मुख्त्यारगंज रेल्वे फाटक के पास ट्रांसपोर्ट नगर में रहने वाला प्रमोद गुप्ता ने ट्रेन के नीचे कटकर, अपनी जान दे दी। गरीबी और घर के पालन पोषण से परेशान प्रमोद अपना खून बेचकर, पैसे कमाता और उसी से अपना घर चला रहा था। मगर बेबस प्रमोद को थक हारकर अपने जिंदगी को खत्म करना पड़ा।
आपको बता दें कि प्रमोद कृषि मंडी के पास सीमेंट और बिल्डिंग मटेरियल की दुकान खोलकर अपना और परिवार का खुशी से जीवन यापन कर रहा था। लेकिन उसकी खुशी को शायद किसी की नज़र लग गई। होनहार हुनरमंद बेटी अनुष्का गुप्ता का एक्सीडेंट हो गया, जिसके बाद काफी दवा ईलाज के बाद भी बिस्तर पर ही जीवन जीने लगी। डॉक्टर और दवा ईलाज के खर्च बढ़ गए। वहीं, कर्ज में डूबने के कारण, दुकान धीरे-धीरे ठप्प होकर बंद हो गई। लेनदार पैसे वापसी का दबाव बनाने लगे और बेइज्जती करने लगे। आर्थिक तंगी से बेटी की पढ़ाई और दो जून की रोटी का जुगाड़ मुश्किल हो गया।
बावजूद इसके हुनरमंद अपंग बेटी ने एक राइटर की मदद से परीक्षा दी और 76% अंक हासिल किए थे। जब सतना कलेक्टर को पता चला तो उन्होंने बेटी अनुष्का गुप्ता को जिले की मेघावी छात्र घोषित करते हुए न सिर्फ प्रमाण पत्र दिया बल्कि समारोह आयोजित कर उसे सम्मानित भी किया। इतना ही नही देश के बड़े मेडिकल सेंटर में सरकारी खर्च पर उसका दवा ईलाज करने और उसके परिवार को पीएम आवास से घर, बीपीएल से गल्ला, पिता के रोजगार लिए मदद का वायदा भी किया था।
हालांकि, कलेक्टर द्वारा किए गए सारे वायदे, नेताओं के वायदों की तरह झूठे साबित हुए। बेबस लाचार मजबूर पिता प्रमोद गुप्ता कलेक्टर के वायदे और सरकारी मदद की आस में रोजाना सरकारी दफ्तरों की देहरी में महीनों चक्कर लगता रहा लेकिन नतीजा, सिर्फ खाली हाथ। थक हारकर पिता प्रमोद घर बैठ गया, लेकिन लेनदार उसका पीछा तब भी नही छोड़ रहे थे।
परिवार का खाली पेट और बिस्तर में पड़ी बेटी का दुख उससे सहा नही जा रहा था। उसने समाज और रिश्तेदारों से भी मदद की आस लगाई लेकिन बेअसर साबित हुई। मजबूर बाप ने एक दिन जिला अस्पताल जाकर अपना खून बेचकर पैसे एकत्र किए तब जाकर घर मे खाना बन सका। बेदर्द समाज की उपेक्षा, सरकारी बेरुखी और आर्थिक तंगी से जूझते-जूझते एक पिता टूट गया और बुधवार सुबह 4:00 बजे पिता प्रमोद गुप्ता अपने निवास ट्रांसपोर्ट नगर से निकलकर मुख्तियार गंज रेलवे फाटक के पास पहुंचकर और ट्रेन से कटकर खुदकुशी कर ली।
(त्रिवेणी पांडेय की रिपोर्ट)