Rajasthan: जोधपुर में बना ‘भारत’ का पहला स्मृति-चिन्ह, अयोध्या के कारसेवकपुरम को किया समर्पित

Rajasthan: जोधपुर में बना 'भारत' का पहला स्मृति-चिन्ह, अयोध्या के कारसेवकपुरम को किया समर्पित
भारत में पहला लोगो बना कर उसका स्मृति चिन्ह अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में लगवाने के लिए सौंपा गया है। इस पत्थर से बने स्मृति चिन्ह को जोधपुर के पत्थर से जुड़े बिजनेसमैन हिम्मत सिंह सोलंकी ने तैयार किया है। इस स्मृति चिन्ह का डिजाइन भी उन्होंने खुद एक जोधपुरी पत्थर से तैयार किया है।
दोस्तों के साथ गए थे अयोध्या
जोधपुर के पत्थर व्यापारी हिम्मत सिंह सोलंकी बचपन से ही राम भक्त हैं और अपने परिचित लोगों के साथ 11 सितंबर को रामलला के दर्शन करने अयोध्या पहुंचे। उनके साथ विश्व हिंदू परिषद के महेंद्र सिंह राजपुरोहित, विशन सिंह, राजेश, श्रवण सिंह और खुमान सिंह राजपुरोहित भी थे। रामलला के दर्शन करने के बाद 12 सितंबर को उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के जनरल सेक्रेटरी चंपत राय से मुलाकात की। वह अपने साथ जोधपुरी पत्थर से बना हुआ भारत लिखा हुआ पहला स्मृति चिन्ह भी साथ ले गए।
अपने आप में अनूठा और पहली बार भारत को किसी स्मृति चिन्ह के रूप में साकार किया गया यह तोहफा चंपत राय को काफी पसंद आया और उन्होंने इसे अयोध्या के कारसेवकपुरम में रखवाया है। जैसे ही इस स्मृति चिन्ह की तारीफ हुई और सोशल मीडिया पर इसके फोटो आए तो अब लोग इसे शेयर कर रहे हैं।
क्या खास है स्मृति चिन्ह में?
12 इंच गुणा 12 इंच आकार में गोलाकार पत्थर पर यह स्मृति चिन्ह उकेरा गया है। बीच में हिंदी में भारत लिखा है और उसके ऊपर अशोक चक्र बनाया है। स्लोगन के रूप में ऊपर ‘हमारा देश, हमारा नाम’ लिखा है। नीचे ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के नाम का स्लोगन लिखा है। इसका कुल वजन करीब 7 किलो से अधिक है।
कंप्यूटर पर बनाया था डिजाइन
इस स्मृति चिन्ह के इस डिजाइन को पत्थर पर उतारने से पहले हिम्मत और उनकी टीम ने कंप्यूटर पर डिजाइन बनाया था। मंदिरों में होने वाली नक्काशी के लिए हिम्मत कई सालों से काम कर रहे हैं। राजस्थान के शहरों में जहां भी मंदिर बनते हैं, वहां जोधपुरी पत्थर पर नक्काशी वाला काम इन्हीं की फैक्ट्री में होता है।