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पंजाब : नशे की आदी महिलाओं के लिए कपूरथला और अमृतसर में ‘वन स्टॉप इंटीग्रेटेड प्रोग्राम’ लॉन्च

Punjab Women Drug Campaign : पंजाब में नशे के खिलाफ चल रही मुहिम ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ के तहत नशे की आदी महिलाओं को सामने आ रही विभिन्न चुनौतियों के समाधान के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने आज पहले चरण में कपूरथला और अमृतसर जिलों में “नशीले पदार्थों का सेवन करने वाली महिलाओं के लिए वन स्टॉप इंटीग्रेटेड प्रोग्राम” का शुभारंभ किया. यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग पंजाब और पंजाब पुलिस के कम्युनिटी अफेयर्स डिवीजन के आपसी सहयोग से लागू किया गया है.

नशे की आदी महिलाओं के लिए पहल, 241 महिलाओं का पंजीकरण

इस पहल की जानकारी देते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि कार्यक्रम को “पंजाब मॉडल फॉर वीमेन ड्रग यूजर्स” नाम दिया गया है. इसका उद्देश्य राज्यभर में नशे की आदी महिलाओं को मानक स्वास्थ्य उपचार प्रदान करना है. उन्होंने कहा कि यह मॉडल इस सच्चाई को स्वीकार करता है कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में नशे से संबंधित अलग तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे ओवरडोज से अधिक मृत्यु दर, पुनः नशा करने की अधिक संभावना और इलाज तक सीमित पहुंच.

कपूरथला में शुरू किए गए सफल पायलट प्रोजेक्ट का हवाला देते हुए मंत्री ने बताया कि अब तक 241 महिलाओं को इस कार्यक्रम के तहत पंजीकृत किया गया, जिन्हें व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गईं. इस एकीकृत पैकेज में मेडिकल, सर्जिकल और गायनेकोलॉजिकल जांच, गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की देखभाल, हानि-निवारण सेवाएं, एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और सी की जांच व इलाज, टीबी की देखभाल, यौन संचारित संक्रमणों का इलाज और काउंसलिंग शामिल है.

अब तक 81 महिलाओं को ओपिओइड ट्रीटमेंट क्लीनिक में इलाज के लिए भेजा गया है, जबकि 80 महिलाओं को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ा गया है. पायलट प्रोजेक्ट में पंजीकृत चार गर्भवती महिलाओं में से तीन ने स्वस्थ शिशुओं को जन्म दिया.

कपूरथला मॉडल पूरे राज्य के लिए आदर्श

डॉ. बलबीर सिंह ने कहा, नशा एक बीमारी है, अपराध नहीं. उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि पीड़ित महिलाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सहानुभूति और कौशल प्रशिक्षण आवश्यक हैं. इस दिशा में पारिवारिक सहयोग की भूमिका को भी उन्होंने बेहद महत्त्वपूर्ण बताया.

उन्होंने स्पष्ट किया कि कपूरथला मॉडल की सफलता पूरे राज्य के लिए आदर्श बन सकती है. पहले चरण में इस कार्यक्रम को कपूरथला और अमृतसर में लागू किया गया है, और पायलट चरण की सफलता के आधार पर इसे राज्य के अन्य जिलों में भी विस्तारित किया जाएगा.

पंजाब पुलिस करेगी वित्तीय सहायता

इस मौके पर विशेष पुलिस महानिदेशक (कम्युनिटी अफेयर्स डिवीजन) गुरप्रीत कौर दियो ने कहा कि नशे की आदी महिलाओं को सामाजिक कलंक और बहिष्कार का सामना करना पड़ता है, जिससे वे उपचार के लिए आगे आने से कतराती हैं. इसके अलावा, उनके लिए उपयुक्त उपचार सुविधाओं की भारी कमी है. यह कार्यक्रम इस कमी को दूर करने की दिशा में एक गंभीर प्रयास है.

उन्होंने बताया कि पंजाब पुलिस का कम्युनिटी अफेयर्स डिवीजन अमृतसर और कपूरथला में इन पायलट प्रोजेक्टों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रयास केवल नशे की मांग और आपूर्ति की कड़ी को तोड़ने का माध्यम नहीं है, बल्कि राज्य सरकार की सभी नागरिकों के लिए एक स्वस्थ भविष्य की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है.

इस अवसर पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य कुमार राहुल, निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. हितिंदर कौर, उपनिदेशक डॉ. रोहिनी गोयल और मानसिक स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी डॉ. संदीप भोला भी उपस्थित थे.


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