
Punjab Road Safety Force : पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सड़क सुरक्षा फोर्स की शुरुआत करके एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. जनवरी 2024 में शुरू हुई यह पहल, सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और लोगों की जान बचाने में एक मील का पत्थर साबित हो रही है. यह भारत में अपनी तरह की पहली फोर्स है, जिसने न केवल सड़क सुरक्षा को बढ़ाया है, बल्कि जनता में विश्वास भी जगाया है.
सड़क सुरक्षा में क्रांतिकारी बदलाव
SSF का गठन पंजाब में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए किया गया था, जो पहले प्रतिदिन 15-18 लोगों की जान ले रही थीं. 4,100 किलोमीटर लंबी राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर तैनात SSF की टीमें हर 30 किलोमीटर पर मौजूद हैं. 144 हाईटेक वाहनों, जैसे टोयोटा हिलक्स और महिंद्रा स्कॉर्पियो, से लैस यह फोर्स 5-7 मिनट के भीतर हादसे की जगह पर पहुंचकर घायलों को प्राथमिक उपचार और अस्पताल पहुंचाने का काम करती है. पंजाब पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों में 48% की कमी आई, जिसमें फरवरी से अक्टूबर 2024 तक 768 लोगों की जान बची. खास बात यह है कि SSF के तैनात क्षेत्रों में 2024 में स्कूल जाते या लौटते समय किसी भी बच्चे की सड़क हादसे में मौत नहीं हुई, जो पंजाब के लिए पहली बार है.
महिला सशक्तिकरण का साधन
SSF में 1,597 प्रशिक्षित कर्मी हैं, जिनमें 28% महिलाएं शामिल हैं. यह कदम न केवल लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है. यह फोर्स स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता अभियान चलाकर सुरक्षित ड्राइविंग और ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करती है. इसके अलावा, SSF ने नशे की तस्करी रोकने, चोरी की गाड़ियां बरामद करने और 12 आत्महत्या के प्रयासों को रोकने जैसे कार्यों में भी सफलता हासिल की है. देर रात यात्रा करने वाली महिलाओं, स्कूली बच्चों और पर्यटकों को सुरक्षित पहुंचाना इस फोर्स का रोजमर्रा का काम बन गया है.
तकनीक से लैस पुलिसिंग
SSF आधुनिक तकनीक का उपयोग करके स्मार्ट और पारदर्शी पुलिसिंग सुनिश्चित करती है. इसके वाहनों में मोबाइल डेटा टर्मिनल (MDT), लेजर स्पीड गन, बॉडी-वॉर्न कैमरे और ई-चालान सिस्टम जैसे उपकरण हैं. AI तकनीक का उपयोग ट्रैफिक उल्लंघनों की निगरानी और सड़क अवरोधों को प्रबंधित करने में किया जाता है. भविष्य में बॉडी कैमरों और उन्नत ड्राइवर सहायता प्रणालियों को शामिल करने की योजना है, साथ ही कर्मियों को अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में प्रशिक्षण देने की भी तैयारी है.
सामाजिक और आर्थिक लाभ
SSF ने न केवल लोगों की जान बचाई, बल्कि अस्पतालों में खर्च और बीमा दावों को भी कम किया है. एक घातक सड़क हादसे की औसत लागत 1.1 करोड़ रुपये होने के बावजूद, SSF की मासिक परिचालन लागत इससे कहीं कम है, जो इसे एक लागत-प्रभावी उपाय बनाती है. बेहतर सड़क सुरक्षा ने पर्यटन को बढ़ावा दिया है, ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार हुआ है और जनता का सरकार पर भरोसा बढ़ा है.
देश के लिए आदर्श
पंजाब सरकार की SSF और ‘फरिश्ते’ योजना, जिसके तहत 500 से अधिक अस्पतालों में दुर्घटना पीड़ितों को मुफ्त इलाज दिया जाता है, ने सड़क सुरक्षा के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है. इस मॉडल की प्रशंसा संसद में केंद्रीय परिवहन मंत्री ने भी की. 2025 के अंत तक सड़क हादसों में 50% कमी का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें तेज गति, शराब पीकर गाड़ी चलाने और हेलमेट न पहनने जैसे उल्लंघनों पर सख्ती की जाएगी.SSF पंजाब की उस सोच का प्रतीक है जो जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है. यह फोर्स न केवल सड़कों को सुरक्षित बना रही है, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन रही है.
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