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पंजाब बाढ़ अलर्ट: रावी नदी में उफान, कई गांव जलमग्न, सरकार ने शुरू किया युद्धस्तरीय बचाव अभियान

Punjab Floods : पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों को युद्ध स्तर पर जारी रखने के लिए स्थानीय प्रशासन तथा संबंधित विभाग के अधिकारियों को 24×7 जमीनी स्तर पर डटे रहने के आदेश जारी किए हैं. साथ ही सभी अधिकारियों/कर्मचारियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं.

यह जानकारी पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री लाल चंद कटरूचक ने आज बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के दौरान दी. दोनों मंत्रियों ने आज पठानकोट और गुरदासपुर ज़िलों का दौरा कर स्थिति का जायज़ा लिया.

भारी बारिश से रावी नदी में उफान, गांव जलमग्न

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन दिनों से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण भर चुके रणजीत सागर डैम से पानी छोड़े जाने से रावी नदी का जलस्तर बढ़ गया है. इसके अलावा उज्ज और जलालिया दरियाओं का पानी भी उफान पर है, जिससे नरोट जैमल सिंह और बमियाल ब्लॉक के ज़्यादातर गाँव पानी की चपेट में आ गए हैं. कैबिनेट मंत्रियों ने आज इन क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायज़ा लिया.

गोयल ने बताया कि भारी बारिश के कारण डैमों में पानी का स्तर तेज़ी से बढ़ा है. रणजीत सागर डैम में इस समय 527 मीटर से अधिक पानी है. आज लगभग एक लाख दस हज़ार क्यूसेक पानी डैम से छोड़ा गया, जिससे गाँव माखनपुर, पोला, तास और बहादरपुर आदि क्षेत्रों में रावी नदी का तेज़ बहाव किनारों तक पहुंच गया है.

पठानकोट में फंसे परिवारों का बचाव

उन्होंने बताया कि पठानकोट के गाँव तास में एक परिवार के सात सदस्य पानी में फँसे हुए हैं, जिनके बचाव के लिए युद्ध स्तर पर कार्यवाही जारी है. ज़िले के गाँव तारागढ़ और नरोट जैमल सिंह के स्कूलों में लंगर की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा कीड़ी खुर्द, कथलौर, तारागढ़, नरोट जैमल सिंह, खड़कड़ा ठूठोवाल, खोजकी चक्क, बमियाल, नंगल, पठानकोट, बनी लोधी और फिरोज़पुर कलां में बचाव केंद्र स्थापित किए गए हैं.

कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता इस समय लोगों की जान-माल की रक्षा करना, नुकसान को कम से कम करना और प्रभावितों तक राहत सामग्री पहुँचाना है. उन्होंने बताया कि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद भी ली जा रही है. लोगों से अपील की गई कि वे झूठी अफवाहों पर ध्यान न दें और नदियों-नालों के किनारों पर जाने से बचें.

बाढ़ से हुए नुकसान का मुआवज़ा सुनिश्चित

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान स्वयं राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि बाढ़ से हुए किसी भी प्रकार के नुकसान की भरपाई के लिए उचित मुआवज़ा दिया जाएगा. राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं और उसके बाद विशेष गिरदावरी कर मुआवज़ा प्रदान किया जाएगा. उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि पंजाब सरकार पानी की मार से प्रभावित फसलों का मुआवज़ा देने के लिए वचनबद्ध है.

गुरदासपुर: इसके बाद जल संसाधन मंत्री श्री बरिंदर कुमार गोयल ने ज़िला गुरदासपुर के रावी नदी किनारे बसे गाँवों का दौरा किया. वे गाँव बाहमणी से लगभग ढाई किलोमीटर दूर गाँव झबकरा में ट्रैक्टर पर सवार होकर पहुँचे और लोगों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने प्रभावित लोगों को राशन भी वितरित किया. जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे राहत और बचाव कार्यों का जायज़ा लेने के उपरांत उन्होंने कहा कि लोगों की जान-माल की सुरक्षा में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी.

15 गांव बाढ़ की चपेट में, बचाव और राहत कार्य जारी

बाढ़ प्रभावित गाँववासियों से बातचीत में श्री गोयल ने बताया कि मैदानी और पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही वर्षा के कारण सभी डैम भर चुके हैं. रणजीत सागर डैम और उज्ज दरिया से आने वाले पानी से रावी नदी के कई स्थानों पर धुसी बाँध को नुक़सान पहुँचा है. उन्होंने कहा कि गुरदासपुर की तहसील दीनानगर के लगभग 15 गाँव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जहाँ सुबह से ही प्रशासन की टीमें बी.एस.एफ., भारतीय सेना, एस.डी.आर.एफ. और एन.डी.आर.एफ. की टीमों के साथ बचाव कार्य कर रही हैं. इन टीमों ने गाँव जग्गोचक टांडा से लगभग 70 व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला है. राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं. उन्होंने कहा कि मकोड़ा पत्तन क्षेत्र के नदी पार बसे गाँवों से भी सरकार का लगातार संपर्क बना हुआ है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी.

प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील

मंत्री ने बताया कि ज़िला गुरदासपुर में रावी नदी की मार में आए गांवों प्रभावितों के लिए ज़िला प्रशासन द्वारा गाँव मराड़ा, बाहमणी, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल गाहलड़ी और गुरुद्वारा श्री टाहली साहिब में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि यहाँ रहने और खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि अभी पहाड़ी क्षेत्रों से और पानी आने की संभावना है, जिससे जलस्तर और बढ़ सकता है. उन्होंने नदी किनारे रहने वाली आबादी से अपील की कि वे प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें और सतर्क रहें.

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