
फटाफट पढ़ें
- प्रशांत किशोर ने तेजस्वी को दुर्योधन कहा
- नीतीश कुमार को बताया भ्रष्टाचार मुक्त
- राजद पर लगाया भ्रष्टाचार फैलाने का आरोप
- तेजस्वी पर बड़े संपत्ति मालिक बनने का आरोप
- प्रशांत ने नीतीश सरकार के भ्रष्टाचार को भी माना
Bihar News : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गर्माहट लगातार बढ़ती जा रही है. जुबानी राजनीति में पहले से ही श्रीराम, हनुमान, रावण, कंस, धृतराष्ट्र जैसे कई पात्रों का जिक्र हो चुका है. अब इसमें दुर्योधन का नाम भी जुड़ गया है. राजद नेता तेजस्वी यादव को दुर्योधन की उपाधि दी गई है. यह उपाधि जन सुराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर ने दी है, जो 2015 में नीतीश और लालू के गठबंधन और सरकार के मुख्य सूत्रधार होने का दावा करते हैं.
दरअसल, इन दिनों प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इमानदारी की खूब तारीफ कर रहे हैं. उनका कहना है कि बिहार सीएम व्यक्तिगत रूप से कहीं भ्रष्टाचार में शामिल नहीं हैं और उनके खिलाफ कोई सबूत मौजूद नहीं है. वहीं, तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह तक कह दिया. जब प्रशांत किशोर से इस पर सवाल किया गया तो वे असहज हो गए.
नीतीश कुमार की ईमानदारी की प्रशंसा
लालू यादव, राबड़ी देवी और राजद को भ्रष्टाचार का मुख्य स्रोत बताते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि तेजस्वी यादव भ्रष्टाचार के दुर्योधन हैं. ऐसे लोग भ्रष्टाचार पर बात करने के अधिकारी नहीं हैं, जो खुद इसमें पूरी तरह डूबे हुए हैं. जब तेजस्वी यादव भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे कोई शेर खुद को शाकाहारी कहकर दूसरों को शाकाहारी होने की शिक्षा दे रहा हो.
बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार को बढ़ाया दिया
प्रशांत किशोर ने कहा कि इन लोगों ने बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार को बढ़ाया दिया. बिहार में लालू यादव और राबड़ी देवी की सरकार थी तो क्या हुआ यह दुनिया भर के लोग जानते हैं. पशुओं का चारा भी गबन हो गया. 15 सालों में बिहार रसातल में चला गया. जब रेल मंत्री थे तो नौकरी के लिए जमीन ली गई. तेजस्वी यादव समय से पहले ही बड़ी संपत्ति के मालिक बन गए. जब तेजस्वी यादव को खुद मौका मिला तो कुछ नहीं कर पाए. ऐसे में नीतीश कुमार को भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह बताने का अधिकार उन्हें नहीं है.
बता दें कि एक दिन पहले बेगूससराय में प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार में अधिकारियों और मंत्रियों ने भ्रष्टाचार किया. इन लोगों ने विदेशों में संपत्ति अर्जित की. लेकिन नीतीश कुमार व्यक्तिगत तौर पर इमानदार हैं. ऐसा कहने में कोई गुरेज नहीं है.
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