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मंहगाई से जनता त्रस्त, सरकार मस्त! विपक्ष ने बनाया मुद्दा

नई दिल्ली: देश अभी कोरोना की पहली और दूसरी लहर से संभला ही था कि तीसरी लहर की आहट सामने आ गई। देश-दुनिया को कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान मंदी का सामना करना पड़ा। विकसित देशों के लिए मंदी से बाहर निकलना विकासशील देशों के तुलना में आसान होता है।

भारत की बात करें तो यहां आम जनजीवन मंहगाई से बेहाल है। महंगाई के कारण लोगों के जीवन स्तर में बदलाव हुआ है। खाने-पीने से लेकर पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान को छू रही हैं।

बता दें सब्जियों की कीमतों में 5 गुणा तक बढ़ोतरी हुई है। दैनिक खाने-पीने के सामान में भी बीते महीनों खासा बदलाव देखने को मिला। तेल की कीमतें तो जैसे नीचे आने का नाम ही नहीं ले रही है। देश के हर राज्य में औसतन 100 लीटर पेट्रोल मिल रहा है।

मंहगाई को लेकर सरकार पर विपक्ष भी हमलावर है। 12 दिसंबर को जयपुर में महंगाई हटाओ रैली (Mahangai Hatao Rally) का आयोजन किया जाएगा।

सोमवार को मीडिया से बातचीत में राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटसारा ने कहा कि “जनता मंहगाई से त्रस्त है। राहुल गांधी सोनिया गांधी के नेतृत्व में महंगाई को लेकर कांग्रेस बिगुल बजाने जा रही है, इसका संदेश दूर तक जाएगा”  

मंहगाई को लेकर विपक्ष हरेक मंच से आए दिन सरकार पर हमलावर रहती है लेकिन सरकार मंहगाई के मुद्दे पर फेल होती नजर आती है।

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तमिलनाडु: 90 रुपए किलो तक पंहुचा टमाटर का भाव

कर्नाटक: टमाटर की कीमतों में भारी उछाल, बेंगलुरु में 70 रु. किलो हुए भाव

हांलाकि सब्जियों की कीमतों में बीते दिनों गिरावट देखने को मिली। खुदरा बाजार की कीमतें(प्रति किलो):

मटर पहले 120 रुपये से 150 रुपये तक थी जो अब 50 रुपये तक मिल जा रही है। नए आलू की कीमत पहले 40-45 रुपये थी, अब 20-25 हो गई है।

फूल गोभी और बंधा गोभी 10-25 रुपये तक मिल रही है, पहले 30-45 रुपये तक मिल रही थी। बैंगन भी 10-20 रुपये तक मिल रही हैं जो पहले 30-40 रुपये मिल रही थी।   

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